ज्‍वालामुखी मंदिर को जल्‍द खोलने की लगाई गुहार

--Advertisement--

ज्वालामुखी, शीतल शर्मा

विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद किए गए हैं। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते प्रदेश सरकार ने यह निर्णय जनहित में लिया है और उसका प्रशासन पूरी ईमानदारी से पालना कर रहा है। परंतु मंदिर के पुजारी अब प्रशासन से जल्‍द इसे खोलने की गुहार लगा रहे हैं।

यहां पर तैनात सुरक्षा कर्मचारियों से पूछ रहे हैं कि मंदिर कब खुलेंगे इंटरनेट मीडिया पर मंदिरों के खुल जाने की खबरें आ रही है ऐसे में मंदिर क्यों नहीं खोले जा रहे हैं जबकि पूरे प्रदेश में पर्यटकों का आना-जाना शुरू हो गया है।

ऐसे में सुरक्षा कर्मचारी उन्हें तसल्ली दे रहे हैं कि जब प्रदेश सरकार के दिशा निर्देश आ जाएंगे तो मंदिर खोल दिए जाएंगे, परंतु यहां पर आ रहे लोग बड़ी दूर से आ रहे हैं और उनको घोर निराशा हाथ लग रही है। इस कारक यह है कि इतनी दूर से बे परिवार सहित यहां पर आने के बाद भी माता के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। और उन्हें खाली हाथ बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है।

मंदिर के पुजारी शैलेंद्र कुमार, गौरव शर्मा, उदय शंकर, संदीप कुमार, विनय कुमार आदि ने बताया कि पुरातत्व विभाग ने अपने अधीन सभी मंदिरों को खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं और उन पर तामील हो रही है। इसके अलावा जिला कुल्लू के भी कुछ मंदिर खोले जा रहे हैं।

ऐसे में हिमाचल प्रदेश के शक्ति पीठों को भी पूर्व की तरह ही शारीरिक दूरी के तहत श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने के लिए जारी की जाने वाली एसओपी के तहत खोलने की व्यवस्था करवाएं ताकि मंदिरों से जुड़े लोगों को राहत मिल सके। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को माता रानी के दर्शन हो सके पुजारी वर्ग और दुकानदार वर्ग जो पिछले कई माह से हताश और निराश होकर बैठा है, उन्हें कुछ हद तक राहत मिल सके।

व्यापार मंडल ज्वालामुखी के अध्यक्ष अनीश सूद ने कहा कि शीघ्र ही मंदिरों को खोला जाए सरकार जनहित में शीघ्र निर्णय लें और एक एसओपी जारी करके पूर्व की तरह इस बार भी यात्रियों के लिए मंदिरों को खोल दिया जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके।

नगर परिषद ज्वालामुखी के अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि नगर परिषद को भी लाखों रुपए का नुकसान मंदिरों के बंद होने की वजह से हो रहा है। श्रद्धालु न आने की वजह से उनके कार पार्किंग बस अड्डे सब खाली रह रहे हैं और ठेकेदार उनको ठेके पर नहीं ले रहे हैं। जिससे नगर परिषद का विकास भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

इसलिए सरकार जनहित में तुरंत मंदिरों को खोलने का फैसला लें ताकि लोगों को राहत मिल सके। समाजसेवी राम स्वरूप शर्मा, कुलदीप शर्मा, जोगिंद्र कौशल, बाबू राम शर्मा, देसराज अत्री, प्रकाश राणा आदि ने कहा कि लोग अपने घरों से पर्यटक स्थलों को आ रहे हैं और मंदिरों के बाहर खड़े होकर मंदिर खोलने के लिए आग्रह कर रहे हैं जब पर्यटन स्थल खोल दिए हैं प्रदेश के बॉर्डर खोल दिए गए हैं तो अब मंदिरों को भी एक नीति के तहत खोलने की व्यवस्था की जाए।

--Advertisement--
--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

शातिरों के जाल में फंसा व्यक्ति, APK फाइल पर क्लिक करते ही हजाराें रुपए का लग गया चूना

हिमखबर डेस्क  साइबर थाना नोर्थ जोन धर्मशाला के तहत ऑनलाइन...