ज्वाली के मौजूदा भाजपा उम्मीदवार की एक टोली को लोग देखना पसंद नहीं करते।

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प्रचार प्रसार में नहीं दिख रहे विधायक अर्जुन ठाकुर

आखिर ज्वाली में विकास करवाने  के बाद भी विधायक की ऐसी तस्वीर किसने बनाई।

कोटला –  हिमख़बर व्युरो चीफ (आचार्य अमित शर्मा)

विस क्षेत्र जवाली में भाजपा द्वारा सिटिंग विधायक का टिकट अकारण कटने से एक खेमा काफी आक्रोशित है तथा अंदरखाते भाजपा उम्मीदवार को चारों खाने चित्त करने में जुटा हुआ है। यह आक्रोशित खेमा अंदर ही अंदर जवाली भाजपा उम्मीदवार की जड़ों को काटने में कार्यरत है। हालांकि टिकट कटने के बाद विधायक ने भाजपा उम्मीदवार को अपना समर्थन दे दिया है लेकिन इसके बाद भी प्रचार-प्रसार में इस खेमे से कोई भी ओहदेदार भाजपा उम्मीदवार के साथ कहीं भी नहीं दिख रहा है। यह अंदरखाते की गुटवाजी भाजपा को नुकसान पहुंचा रही है तथा इससे जवाली भाजपा को भारी नुकसान भुगतना पड़ सकता है। जवाली के मौजूदा भाजपा उम्मीदवार के साथ भी एक टोली ऐसी है जिसको जनता देखना पसंद नहीं करती है। विधायक अर्जुन सिंह द्वारा विकास करवाने के बाद भी इसी टोली ने अर्जुन सिंह के खिलाफ कई षड्यंत्र रचे तथा उनकी छवि को धूमिल किया। भाजपा के मौजूदा उम्मीदवार ने भी विधायक अर्जुन सिंह के कार्यक्रमों से हमेशा दूरी बनाए रखी तथा जनता में यही बताया गया कि हमें विधायक द्वारा बैठकों में बुलाया नहीं जाता है। हालांकि विकास के मामले में विधायक अर्जुन सिंह ने कोई कमी नहीं छोड़ी। दो साल कोरोनाकाल में बीत जाने के बाद भी तीन साल में अथाह विकास करवाया परन्तु एक गुट ने विधायक के खिलाफ षड्यंत्र रचने में कोई कसर नहीं रखी।

*भीतर घात का खतरा अभी भी बरकरार*
मौजूदा समय में विधायक का टिकर कट जाने के बाद भाजपा मंडल जवाली, महिला मोर्चा जवाली, युवा मोर्चा जवाली ने रोष प्रकट किया और विधायक अर्जुन सिंह से आजाद लड़ने तक की वकालत की। विस क्षेत्र जवाली के 60 प्रतिशत वोटर विकास को देखकर अर्जुन सिंह के समर्थक बन चुके हैं जिनको पार्टी विशेष से नहीं अपितु व्यक्ति विशेष से लगाव है। इस रोष में काफी बड़ा जनसमूह विधायक के साथ रहा है। बाद में विधायक ने उम्मीदवार संजय गुलेरिया को समर्थन दे दिया लेकिन अभी भी इस खेमे की दूरी भाजपा उम्मीदवार से बनी हुई है जोकि कहीं न कहीं भाजपा को अंदरखाते नुकसान पहुंचा रही है। वर्ष 2012 में जब अर्जुन सिंह को टिकट दिया गया था तो मौजूदा भाजपा उम्मीदवार ने आजाद चुनाव लड़कर अर्जुन सिंह को हरवा दिया था। उसके बाद वर्ष 2017 के चुनाव में भी अर्जुन सिंह को टिकट मिलने के बाद मौजूदा भाजपा उम्मीदवार ने आजाद चुनाव लड़ने का मन बना लिया था लेकिन बाद में हाईकमान के मनाने पर चुनाव नहीं लड़ा था लेकिन अंदरखाते कोई कसर नहीं छोड़ी थी। अब उनको स्वयं टिकट मिला है तो ऐसे में विधायक अर्जुन सिंह सहित उनके समर्थक भाजपा उम्मीदवार को कितना समर्थन देते हैं, यह अहम होगा।

*प्रदेश भाजपा ओबीसी उपाध्यक्ष योगराज मेहरा भी पार्टी से नाराज चल रहे*

प्रदेश भाजपा ओबीसी उपाध्यक्ष योगराज मेहरा भी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। ज्वाली विधानसभा क्षेत्र मैं ओबीसी आबादी बहुल्य होने के बावजूद यहां ओबीसी की अनदेखी की जाती है। योगराज मेहरा 1980 से भाजपा से जुड़े हैं। और 5 बार पंचायत प्रधान और एक बार जिला परिषद सदस्य रह चुके हैं। उनकी भी हर बार अनदेखी की जाती है। वह हर बार टिकट की मांग करते हैं।

*विधायक अर्जुन सिंह का पांच साल का विकास:*

जवाली को डिग्री कॉलेज, बीडीओ ऑफिस, कोटला को गवर्नमेंट आईटीआई, डिग्री कॉलेज की सौगात दी तो वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा भी दिलवाया। नगरोटा सूरियां में उपतहसील को तहसील दी तथा ऐसे इलाकों को सड़क सुविधा मुहैया करवाई जिनको इसकी कभी उम्मीद भी नहीं थी। कोटला में बौह-दरिणी पेयजल योजना की सौगात देते हुए पेयजल किल्लत को दूर किया। हरनोटा-बनोली-चचियां मार्ग पर दो पुलों का निर्माण करवाया। कोटला में दो तंगडी पुलों की सौगात दी। नगर पंचायत जवाली में पेयजल समस्या को दूर करने के लिए पांच ट्यूबवेल लगवाए व 6 ओवरहैड टैंकों का निर्माण करवाया। गरीब तबके के गांवों को नगर पंचायत से बाहर करके पंचायत बनवाई।

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