जीवनसाथी व ससुराल पक्ष की प्रताड़ना से तंग आकर बहू ने की आत्महत्या, पति, सास-ससुर को 4 साल की सजा
हिमखबर डेस्क
अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश सुंदरनगर की अदालत ने बहु परविंदर कौर को आत्महत्या के लिए उकसाने और उसके प्रति क्रूरता बरतने के जुर्म में पति, सास और ससुर को दोषी ठहराते हुए चार साल के साधारण कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।
दोषियों में कुलदीप सिंह (पति), रणजीत सिंह (ससुर) और सुरेन्द्र कौर (सास), निवासी गांव चलारग, तहसील जोगिंद्रनगर शामिल हैं। न्यायालय ने तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 में 4 वर्ष का साधारण कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
जुर्माना न अदा करने की स्थिति में दो माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसके अतिरिक्त, धारा 498। के तहत भी एक वर्ष का साधारण कारावास और 2 हजार जुर्माना लगाया गया है। यह दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
क्या है पूरा मामला:
उप-ज़िला न्यायवादी विनय वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 अगस्त 2017 को पुलिस थाना धनोटू को सूचना मिली थी कि बीबीएमबी झील के पास एक युवती की चुन्नी, मोबाइल और डायरी मिली है। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों को मृतका के पिता अवतार सिंह ने बताया कि उनकी बेटी परविंद्र कौर, जिसकी शादी 2013 में कुलदीप सिंह के साथ हुई थी, को ससुराल में लगातार प्रताड़ित किया जाता था।
उसे ताने दिए जाते थे कि वह मनहूस है और उसके कारण परिवार पर ग्रहण लग गया है। शादी के बाद पीड़िता को एक बेटा भी हुआ, लेकिन ससुराल पक्ष की प्रताड़ना में कोई कमी नहीं आई। 9 अगस्त 2017 को परविंद्र अचानक लापता हो गई और 10 अगस्त को बीबीएमबी झील के पास उसके सामान के साथ एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें पति, सास और ससुर को आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराया गया था।
पुलिस ने अवतार सिंह के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया और आरोपियों के खिलाफ धारा 498।, 306, 304 व 34 के तहत चालान पेश किया। अदालत में 19 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई है।