जितेंद्र हत्याकांड: शव के पोस्टमार्टम से पहले केस क्रैक, आरोपी गिरफ्तार।
सिरमौर – नरेश कुमार राधे
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला की कालाअंब पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर केस को शव के पोस्टमार्टम से पहले ही सुलझाने में सफलता हासिल की है। मामले में पंजाब के अमृतसर निवासी एक युवक को गिरफ्तार किया गया है।
खास बात यह रही कि मामला धीरे-धीरे राजनीतिक रंग लेने लगा था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने सतर्कता से त्वरित कार्रवाई की। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि इस हत्याकांड को अंजाम आरोपी ने अपनी महिला मित्र की मौजूदगी में दिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 29 मई की शाम को वारदात की शुरुआत पंजाब के खरड़ से हुई, जहां तीनों मृतक जितेन्द्र, आरोपी मनीष और एक युवती एक साथ पार्टी करने के लिए मिले।
बीयर पार्टी पूरी रात चली, और अगले दिन ये लोग पंचकूला होते हुए सिरमौर की तरफ रवाना हुए। इस दौरान मृतक जितेन्द्र की ही कार का इस्तेमाल किया गया।
उन्होंने मुख्य हाईवे के बजाय संपर्क मार्ग का उपयोग किया, जिससे भीड़भाड़ और निगरानी से बचा जा सके। कार में बैठकर बातचीत के दौरान नशे की हालत में आरोपी व पीड़ित के बीच तीखी बहस बाजी शुरू हो गई, जो घटनास्थल पर हिंसक झगड़े में बदल गई।
बताया जा रहा है कि बहस के दौरान जितेन्द्र जानलेवा हमला कर दिया गया। सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उसकी हालत बिगड़ गई।
30 मई की सुबह युवक को गंभीर अवस्था में पुलिस द्वारा नाहन मेडिकल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उसे हायर सेंटर रेफर किया गया। हालांकि परिजन उसे पंचकूला के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां उसने सोमवार दोपहर अंतिम सांस ली।
पुलिस के लिए यह मामला इसलिए भी चुनौतीपूर्ण रहा क्योंकि मृतक के परिजन यह तक नहीं जानते थे कि जितेन्द्र कहां रहता है और क्या करता है।
इस कारण शुरुआती जांच में मुश्किलें आईं। हालांकि, पुलिस ने तकनीकी आधार पर आरोपी की पहचान कर ली और फिर उसके जीजा से पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
मंगलवार को मेडिकल कॉलेज नाहन में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। इस दौरान पीड़ित परिवार सदमे में रहा और स्थानीय प्रशासन ने उन्हें हरसंभव सहयोग प्रदान किया।
पुलिस ने यह भी संकेत दिए हैं कि वारदात में इस्तेमाल की गई कार को भी जल्द बरामद कर लिया जाएगा। इस घटना को लेकर क्षेत्र में चिंता और गुस्से का माहौल है।
एसपी एनएस नेगी के बोल
एसपी एनएस नेगी ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्राथमिक साक्ष्य जुटाए, जिनमें खून से सना ग्लव्स, एक बेसबॉल बैट और घटनास्थल पर फैला खून शामिल था। इसके साथ ही आसपास के सीसी फुटेज की जांच की गई।
फुटेज में यह स्पष्ट रूप से दिखा कि पीड़ित को हमले के बाद एक कार ( HR 79-2777) कार में भागे है। इसी आधार पर पुलिस ने वाहन और संदिग्धों की पहचान करना शुरू किया।
जांच के यह भी साफ़ हुआ है कि माजरी फॉरेस्ट चेक पोस्ट पर लगे कैमरे की फुटेज में यह कार सुबह करीब 4:12 बजे घटनास्थल की तरफ जाती और 5:02 बजे वापिस लौटती है। इसके आधार पर जांच की दिशा और स्पष्ट हो गई।
पुलिस ने 31 मई को संदिग्धों की तलाश में एक टीम को चंडीगढ़, मोहाली और अमृतसर रवाना किया। मृत्यु के बाद पुलिस ने मामले में धारा 103 BNS जोड़ दी है।
बता दे कि केस में फॉरेंसिक टीम जुन्गा को भी घटनास्थल पर बुलाया गया था, टीम ने मौके से खून के नमूने और अन्य सबूत जुटाए।
पीड़ित की बहन ने व्यक्त की नाराजगी
उधर,मंगलवार दोपहर पीड़ित युवक की बहन हिमांशु ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा केस की जांच को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। युवती ने बताया कि मनीष और उसकी एक महिला मित्र आईसीयू में भाई से मिलने आई थी।
पीड़ित की बहन ने कहा कि आरोपी को गोली से उड़ा दिया जाना चाहिए और कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और ऐसा अपराध करने से पहले सोचे।
पीड़ित की बहन ने बताया कि परिवार इस समय बहुत परेशान है और उन्हें न्याय की उम्मीद है। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि वे जल्द से जल्द केस की जांच पूरी करें और आरोपी को सजा दिलाएं।