हिमखबर- डेस्क
क्या फर्क पड़ता है, अब तेरे आने से
क्या फर्क पड़ता है, अब तेरे जाने से
हम तो चर्चित रहेंगे
फिर भी, इस जमाने में।
क्या फर्क पड़ता है, अब तेरे रोने से
क्या फर्क पड़ता है, अब तेरे मुस्कुराने से
हमने जान लिए हैं, अब हर तरीके
तेरे दिल बहलाने के।
क्या फर्क पड़ता है, अब दिल लगाने से
क्या फर्क पड़ता है, अब दिल दुखाने से
हमने जान लिया है, महज ये
पल भर की खुशी है, पल भर की हंसी है।
मौलिकता प्रमाण पत्र
मेरे द्वारा भेजी रचना मौलिक तथा स्वयं रचित जो कहीं से भी कॉपी पेस्ट नहीं है।
राजीव डोगरा (भाषा अध्यापक) गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा
पता-गांव जनयानकड़, पिन कोड -176038, कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
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