फोरलेन परियोजना के कारण नूरपुर क्षेत्र के करीब चार हजार प्रभावितों को वर्तमान भाजपा सरकार के द्वारा कौड़ियों के भाव मुआवजा देकर छला गया। लेकिन सरकार के समक्ष एक बार भी प्रभावितों के लिए किसी नेता ने मांग नहीं उठाई।
नूरपुर- देवांश राजपूत
फोरलेन परियोजना के कारण नूरपुर क्षेत्र के करीब चार हजार प्रभावितों को वर्तमान भाजपा सरकार के द्वारा कौड़ियों के भाव मुआवजा देकर छला गया। लेकिन सरकार के समक्ष एक बार भी प्रभावितों के लिए किसी नेता ने मांग नहीं उठाई। यह नेता अपनी नाकामी का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़कर अब जिम्मेदारी से भागने का प्रयास कर रहे हैं ।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि पिछले साढ़े चार सालों से फोरलेन प्रभावितों के साथ हुए इस भारी धोखे और धक्केशाही को लेकर प्रदर्शनों , ज्ञापनों के माध्यम से कई बार सरकार को चेताने का भरपूर प्रयास करते रहे।
लेकिन सरकार के कानों पर कोई जूं तक नहीं रेंगी । पहले सरकार में मंत्री राकेश पठानिया ने प्रभावितों को हर बार झूठे आश्वासन देकर धोखा किया तो महामंत्री रणवीर निक्का भी इस ज्वलंत मुद्दे पर चुप्पी धारण किए हुए हैं।
यहां तक की फैक्टर दो के बजाय फैक्टर एक और उसमें चालीस फीसदी की कटौती, एक ही जमीन के तीन तीन सर्कल रेट और 2013 के अधिनियम को दरकिनार कर 1956 के अधिनियम को जबरन लागू कर 5 से 20 लाख प्रति मरला वाली भूमि के 5 से 20 हजार तक प्रति मरला मुआवजा थमा दिया गया तो प्रभावितों के हितैषी होने का ढोंग रचने वाले यह नेता एक बार भी सरकार और पार्टी के समक्ष अपनी बात को सही ढंग से नहीं रख पाए हैं।
महाजन ने कहा कि भाजपा के जिला महामंत्री अब मंत्री पर तो क्षोभ जता रहे हैं पर वह अपनी कारगुज़ारी का भी जबाव दें कि वो भी प्रदेश सरकार और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से अपनी नजदीकियों का राग अलापते नहीं थकते थे तो फिर वो भी प्रभावितों की जायज मांगों को अपनी आकाओं के जरिए क्यों नहीं मनवा पाए। यदि यह एक बार भी किसी प्रदर्शन या लोगों की आवाज उठाने में भागीदार रहे हैं तो उसे बताने का कष्ट करें।