सिरमौर – नरेश कुमार राधे
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जनपद की माजरा उप तहसील में साम्प्रदायिक तनाव के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। माजरा इलाका एक तरह से छावनी में ही तब्दील हो चुका है। धारा-163 लागू होने के बाद इलाके में धरना-प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। लेकिन इसके बावजूद भी इलाके में सुगबुगाहट जारी है।
शनिवार सुबह घटनास्थल पर पांवटा साहिब के एसडीएम गुंजित चीमा व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बीच तीखी नोंक-झोंक की भी खबर है। बिंदल ने कहा कि एसडीएम ने माहौल को खराब किया। एसडीएम के हाथ में डंडा उठाने पर भी बिंदल ने सवाल दागा तो एसडीएम ने भी पलटवार में पूछा कि जो महिलाएं शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने आई थी, उनके हाथों में डंडे क्यों थे।
मिली जानकारी के मुताबिक कानून व्यवस्था बनाए रखने के मकसद से इलाके में 150 के करीब पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। पांवटा साहिब के एसडीएम सहित पुलिस के तीन डीएसपी मानविंदर ठाकुर, रमाकांत ठाकुर व विद्या नेगी भी मौके पर डटे हुए हैं।
माजरा थाना में अतिरिक्त सुरक्षा के कदम उठाए गए हैं। चूंकि 163 लागू है, लिहाजा पुलिस 5 से अधिक लोगों को कतई भी एकत्रित नहीं होने देगी। अलबत्ता, ये जरूर बताया जा रहा है कि दो-तीन व्यक्तियों को थाना में आने की अनुमति होगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी माजरा में ही मौजूद हैं।
एक अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के मुताबिक पुलिस ने कथित तौर पर अगवा लड़की को बरामद कर लिया है। फिलहाल इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही। जानकारों का कहना है कि माता-पिता को लड़की से मिलवाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि इस विवाद की जड़ ये है कि एक समुदाय विशेष का लड़का दूसरे समुदाय की लड़की को भगाकर ले गया था। लड़की के परिवार का ये तर्क था कि उनकी बेटी नाबालिग है।
बता दें कि शुक्रवार शाम को माजरा थाना के घेराव की चेतावनी दी गई थी, लेकिन शाम 5 बजे के आसपास प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह बाइकों पर दूसरे रास्ते से समुदाय विशेष के युवक के घर पहुंच गया था। इसी जगह पर दोनों तरह से पथराव हुआ था।
भाजपा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल व पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने शनिवार सुबह 10 बजे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन का आह्वान किया था। मगर इससे पहले ही बीती रात जिला दंडाधिकारी व उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने पुलिस थाना के अंतर्गत कीरतपुर, मेलियों, फतेहपुर व मिश्रवाला में धारा-163 लागू कर दी।