चिट्टे पर प्रशासन सतर्क, पर शराब के नुकसान पर साध ली चुप्पी, धर्मशाला के हर मोड़ पर शराब की खाली बोतलें
हिमखबर डेस्क
स्मार्ट सिटी धर्मशाला की सडक़ें व सार्वजनिक स्थल आजकल शराब की खाली बोतलों से अटे दिखाई दे रहे हैं। शहर का प्रसिद्ध टी गार्डन हो, सार्वजनिक पार्क या कोई शांत सडक़ हो, हर कहीं शराब की खाली बोतलें दिखना आम बात हो गई है।
शहर का जो भी स्थल जहां बैठकर चैन के कुछ पल बिताए जा सकते हैं, वहां शराब की खाली बोतलें, खाली प्लास्टिक के गिलास व स्नैक्स के खाली पैकेट देखने को मिल जाएंगे। ऐसा लगता है शहर के युवाओं में शराब का सेवन आम बात हो गई हो। गत माह आठ सितंबर को प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया था।
99.30 प्रतिशत साक्षरता दर के साथ प्रदेश यह उपाधि अपने नाम करने वाला चौथा राज्य बना, लेकिन प्रदेश के लोगों की प्रदेश के प्रति नागरिक भावना को देखकर तो ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेशवासियों की साक्षरता केवल कागजों तक ही सीमित है।
शराब का सेवन तो एक बात है, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर शराब पी कर खाली बोतलें व खाने के पैकेट वहीं छोड़ कर चले जाना प्रदेश के युवाओं कि नैतिक निरक्षरता को दर्शाता है। प्रदेश सरकार की चिट्टे को लेकर सख़्ती सराहनीय है। हर दिन प्रदेश पुलिस द्वारा नशे के तस्करों को पकड़ कर समाज में नशे का ज़हर घोलने से रोका जा रहा है।
लेकिन इसी बीच युवाओं में शराब की बढ़ती हुई खपत एक चिंता का विषय बनता नजर आ रहा है। आशा करते हैं कि प्रशासन द्वारा शराब की युवाओं में बढ़ती मांग व इससे जुड़े कचरे व गंदगी के मुद्दे पर भी कुछ कड़े कदम उठाए जाएंगे।

