नगरोटा सूरियां, मुनीश
पूर्व मंत्री व कांग्रेस के राज्य उपाध्यक्ष चौधरी चन्द्र कुमार ने कहा कि यदि सरकार व प्रशासन समय पर रणनीति बनाता तो पौंग प्रवासियों को बचाया जा सकता था।उन्होंने कहा कि पौंग झील में प्रवासी पक्षियों का मरना दिसम्बर के मध्य में शुरू हो गया था। लेकिन विभाग तब जागा जब 31 दिसम्बर को मीडिया में प्रवासी पक्षियों को खबर उछलने लगी।
चन्द्र कुमार नगरोटा सूरियां में पौंग झील में राज्य स्तरीय गठित कांग्रेस एक्शन कमेटी के साथ प्रवासी पक्षियों का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार व बन्य प्राणी विभाग की टीम को चाहिए कि पौंग झील में प्रवासी पक्षियों सहित साथ लगते गांवों में संक्रमण रोकने के लिए विशेषज्ञ टीम गठित करें। जिसमे वन्य जीव विशेषज्ञ बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी के सहयोग लिया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि पौंग झील अंतराष्ट्रीय स्तर पर पक्षी विहार का केंद्र है फिर भी सरकार ने वन्यप्राणी विभाग का डीएफओ कार्यालय हमीरपुर में खोल रखा है।उन्होंने कहा कि पौंग झील का मुख्य केंद्र नगरोटा सूरियां होने के कारण डीएफओ व सहायक अरण्यपाल का कार्यालय भी पहले की तरह नगरोटा सूरियां में ही स्थापित होने चाहिए।
उन्होंने यह भी शंका जताई है कि जरूरी नहीं कि प्रवासी पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से हुई हो।उन्होंने सवाल खड़ा किया है कि हजारों मील का सफर तय कर प्रवासी पक्षी पौंग झील पहुंचते हैं। फिर ये पक्षी पौंग झील में आने से क्यों दम तोड़ रहे हैं।उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि राष्ट्रीय स्तर पर पक्षी विशेषज्ञ की टीम गठित कर कारणों को बारीकी से जाना जाएं।
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव केवल सिंह पठानिया,डॉ गुलशन कुमार, राज शहरिया,पूर्व प्रधान कर्ण पठानिया प्रेम लता ,अशोक कुमार,पंडित डीडी शर्मा उपस्थित रहें