गगरेट अवैध लकड़ी डंप मामला; जिस दिन हुई FIR उसी दिन जारी हुआ परमिट, ठेकेदारों से होगी पूछताछ

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ऊना – अमित शर्मा

गगरेट अवैध लकड़ी डंप मामले में जिस दिन हुई एफआईआर उसी दिन परमिट जारी हुआ था। हालांकी ये बात अलग है कि डीपु सिर्फ इम्पोटेड टिम्बर सेल ओनली हुआ यानी कि इसमें सिर्फ अंतरराष्ट्रीय लकड़ी को बेचने और खरीदने की शर्त के साथ ये डीपु लागू है। पुलिस इस मामलें में अब लकड़ी लेकर आने वाले स्थानीय ठेकेदारों से भी पूछताछ करेगी।

अब इसे महज इतेफाक कहे या फिर मिलीभगत लेकिन हैरानी का विषय है जिस दिन अवैध लकड़ी का भंडार पुलिस को बरामद हुआ उसी दिन वन विभाग ने डीपु का परमिट भी जारी कर दिया।

हालांकी ये बात अलग है कि डीपु सिर्फ ‘इम्पोटेड टिम्बर सेल ओनली’ हुआ यानी कि इसमें सिर्फ अंतरराष्ट्रीय लकड़ी को बेचने और खरीदने की शर्त के साथ ये डीपु लागू है। जैसे कि आजकल घरों के निर्माण में प्रयोग होने वाली विदेशी लकड़ी इस डीपु के अनुसार स्थानीय लकड़ी न खरीदी या सकती है न ही बेची जा सकती है।

स्‍थानीय स्‍तर पर खरीदा व बेचा नहीं जा सकता

अब सवाल ये है कि डीपु की प्रक्रिया के लिए जब दस्तावेज वन विभाग को भेजे गए तो क्या उस समय ये नही मालूम था कि इस डीपु के अनुसार लकड़ी को स्थानीय स्तर पर खरीदा बेचा नही जा सकता।

लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार अब चाहे इस मामलें में कोई भी परमिट पेश कर दिया जाए उसका कोई लाभ नही क्योंकि परमिट से पहले ही लकड़ी खरीदने का कार्य चल रहा था और करीब दो से ज्यादा समय से इस स्थान से लकड़ी को खरीदा जा रहा था और बाहर भेजा जा रहा था जो कि किसी भी नियम के तहत सही नही है।

पुलिस इस मामलें में अब लकड़ी लेकर आने वाले स्थानीय ठेकेदारों से भी पूछताछ करेगी और उन जगहों की भी तलाश करेगी जिन स्थानों से ये पेड़ काटकर इस डीपु तक लाए गए है। इतने बड़े स्तर पर चल रहे पेड़ो के कटान को लेकर वन रक्षकों से भी सवाल जवाब किए जाएंगे।

पुलिस के डर से दुबका वन माफिया

जब से गगरेट में कानून का चाबुक वन माफिया पर चला है तब से कई लकड़ी के ठेकेदार दुबक गए है और अपनी लकड़ी को इधर उधर छिपा दिया है। अब न तो स्थानीय ठेकेदार लकड़ी की गाड़ियां भर रहे है और न ही कोई नया पेड़ काट रहे है। यदि इस तरह की सख्ती पुलिस पहले दिखाती तो अब तक वन सुरक्षित हो जाते और हिमाचल की वन संपदा बच जाती।

सुशील राणा, डीएफओ ऊना के बोल

अवैध लकड़ी के भंडार मालिक ने पहले से प्रोसेसिंग की हुई थी, इतेफाक हो सकता है कि उसी दिन डीपु की परमिशन मिली। नियमानुसार जो डीपु कि परमिशन है उसके अनुसार सिर्फ इम्पोटेड टिम्बर सेल परचेज कर सकता है।

अर्जित सेन, एसपी ऊना के बोल

पुलिस हर एंगल से मामलें की जांच कर रही है, जब हमने अवैध लकड़ी का भंडार पकड़ा उस समय इसका मालिक कोई भी दस्तावेज पेश नही कर पाया।

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