बग्गा कुठेड़ – महिंद्र सिंह
अगर किसी में कुछ कर गुजरने का हौसला हो तो हर कोई मुकाम हासिल किया जा सकता है चाहे वह शिक्षा हो चाहे खेल हो चाहे कोई अन्य क्षेत्र।
ऐसा ही कर दिखाया है ग्रामीण परिवेश में जन्मी शब्बू ने जो ग्रामीण परिवेश से निकलकर प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर अपनी सेवाएं देंगी।
ज्वाली उपमण्डल के गांव कुठेड़ की शब्बू पुत्री विजय कुमार का चयन हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन हुआ है शब्बू के चयनित होने पर पूरे गांव में खुशी का माहौल है।
शब्बू के पिता विजय कुमार साधारण भेड़पालक हैं तथा माता जीवना देवी गृहिणी है। पिता ने बताया कि शब्बू शुरू से ही पढ़ाई में मेहनती थी और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल कुठेड़ से अपनी स्कूली शिक्षा ग्रहण की।
उच्च शिक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और बीएससी व एमएससी जूलॉजी (जंतुशास्त्र) की शिक्षा प्राप्त की ।
जंतुशास्त्र विषय से एमएससी करने के वाद जेआरएफ की परीक्षा उतीर्ण उतीर्ण की वर्तमान में आईआईआईएम जम्मू से पीएचडी स्कॉलर है।
शब्बू ने सदा पढ़ाई में लगन के साथ मेहनत करते हुए अपने मुकाम को हासिल किया।
ग्रामीणों ने किया खुशी का इजहार बोले, बेटियां किसी से कम नहीं
गांव के लोगों का कहना है कि बेटियां किसी से कम नहीं है हमें बेटियों को भी आगे लाने की जरूरत है ग्रामीणों ने बताया कि बेटी के चयनित होने पर आज पूरे गांव कुठेड़ ही नहीं पूरे क्षेत्र का नाम रोशन हुआ है।
उन्होंने कहा कि हमें बेटियों को भी आगे पढ़ाना चाहिए और उनको भी आगे लाना चाहिए ताकि हमारे समाज में बेटा बेटी को एक समान देखा जाए।
युवाओं को संदेश: पूरी लगन के साथ जुट जाइए, कामयाबी अवश्य मिलेगी
असिस्टेंट प्रोफेसर शब्बू ने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि कामयाब होने के लिए अवसर बहुत है बस पूरी लगन के साथ जुट जाएं कामयावी अवश्य मिलेगी।
उन्होंने बताया कि मैं अपनी कामयाबी श्रेय अपने माता पिता, भाइयों व बड़े भाई रिंकू ठाकुर को देती हूं जिनके निर्देशन में यह मुकाम पाया है।