उमा आजाद ने सुनीता देवी को अपना बैंक खाता और अपने बेटे निखिल आजाद का बैंक खाता नंबर उपलब्ध करवाया था। सुनीता देवी ने उमा और उसके बेटे के खाते में 50-50 हजार रुपये जमा करवाए थे।
व्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आयोजित कला शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले की जांच विजिलेंस ने शुरू कर दी है। विजिलेंस ने इस मामले में जिस महिला अभ्यर्थी के खिलाफ मामला दर्ज किया है,
वह मूलत: बिलासपुर जिले के घुमारवीं की रहने वाली है। लेकिन लंबे समय से आयोग की निलंबित मुख्य आरोपी वरिष्ठ सहायक उमा आजाद के हमीरपुर स्थित घर के पास किराये पर रह रही है। यहां पड़ोस में रहते ही उसकी उमा आजाद से पहचान हुई।
आयोग ने पोस्ट कोड 980 के तहत ड्राइंग शिक्षकों के 314 पदों को भरने 24 मई 2022 को अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद सुनीता देवी ने उमा आजाद को बताया कि उसने शिक्षा विभाग में कला अध्यापक के पद के लिए आवेदन किया है। जिस पर उमा आजाद ने उसे भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाने के बदले में पैसों की मांग की। दोनों के बीच एक लाख रुपये में यह सौदा तय हुआ।
उमा आजाद ने सुनीता देवी को अपना बैंक खाता और अपने बेटे निखिल आजाद का बैंक खाता नंबर उपलब्ध करवाया। सुनीता देवी ने उमा और उसके बेटे के खाते में 50-50 हजार रुपये जमा करवाए।
छंटनी परीक्षा के बाद 971 अभ्यर्थियों का 16 से 22 दिसंबर 2022 तक आयोजित दस्तावेजों के सत्यापन के लिए चयन किया गया था। प्रश्नपत्र हासिल कर सुनीता ने परीक्षा की तैयारी की, जिसकी बदौलत 314 पदों की इस भर्ती सूची में सामान्य वर्ग में सुनीता का मेरिट लिस्ट में 28वां स्थान रहा।
इससे पहले की भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित होता, विजिलेंस ने भर्ती में गड़बड़ी का खुलासा कर दिया। इसके चलते अब कला अध्यापक भर्ती परीक्षा का परिणाम भी लटक गया।
वहीं, प्रदेश उच्च न्यायालय में उमा के बड़े बेटे नितिन आजाद ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपनी पीएचडी की पढ़ाई का तर्क देते हुए शनिवार को फिर से जमानत याचिका दायर की। लेकिन पूर्व की भांति उच्च न्यायालय ने 27 मार्च को जमानत अर्जी पर सुनवाई की तारीख तय की है।
विजिलेंस जेओए आईटी मामले में पहली, कंप्यूटर शिक्षक और जूनियर ऑडिटर मामले में दूसरी और अब कला अध्यापक पेपर भर्ती मामले में तीसरी एफआईआर दर्ज कर चुकी है। अभी तक नौ लोगों के खिलाफ विजिलेंस ने एफआईआर में नाम दर्ज किया है।