डोल भटहेड़/ शाहपुर – अमित शर्मा
कर्मचारियों का अठारह महीने का मंहगाई भत्ता जब्त करने के साथ साथ सांसदों और विधायकों का भी अठारह महीने का फिल्ड भत्ता भी हो जब्त।
पूर्व पंचायत समिति सदस्य एवं वर्तमान उपप्रधान पंचायत डोल भटहेड़ साधू राम राणा ने प्रेस वार्ता में कहा कि केंद्र और राज्यों सरकारों ने जो सरकारी कर्मचारियों का कोरोना काल अवधि अठारह माह का मंहगाई भत्ता पहले कोरोना काल में वित्तिय स्थिति का हवाला देकर रोक दिया और अब देने से मना किया जा रहा है जबकि सांसदों और विधायकों को दिया जाने वाले फिल्ड भत्ते का भुगतान बरकरार जारी रखा गया था।
साधू राम राणा ने कहा कि क्रोना काल में सांसद और विधायक कहीं दूर दूर तक भी नज़र नहीं आते थे यानी सांसदों और विधायकों का क्रोना काल में जनता के प्रति कोई योगदान नहीं रहा था जबकि सरकारी कर्मचारियों ने क्रोना काल में फ्रंट लाइन पर लोगों की जाने बचाने में मदद की है.
जिसका जीता जागता उदाहरण है कि बहुत से सरकारी कर्मचारियों खासकर स्वस्थ विभाग के कर्मचारियों को अपनी जिंदगियों से हाथ धोने पड़े थे जबकि माननीय सांसदों और विधायकों को क्रोना नाम मात्र ही छू पाया था।
अतः सरकार यदि कर्मचारियों का क्रोना काल अवधि अठारह माह का मंहगाई भत्ता नहीं दे सकती तो सांसदों और विधायकों को दिए गए फिल्ड भत्ते को भी एक मुश्त वसूली करके सरकारी खजाने में जमा करे।