मंडी में आई बाढ़ का खौफनाक मंजर देखने वाले कश्मीरी मजदूरों ने सुनाई आपबीती
हिमखबर डेस्क
छोटी काशी मंडी में फ्लैश फ्लड की घटना के दौरान सात कश्मीरी मजदूरों ने मौत का मंजर अपनी आंखों से देखा है। दिनभर मजदूरी करने बाद थके-हारे गहरी नींद में सोए कश्मीरी मजदूरों के लिए 29 जुलाई का सुबह का ऐसा पल था, जब मौत सामने खड़ी थी और उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए कड़ा संघर्ष किया।
कश्मीरी मजदूरों ने बताया कि आपदा के दौरान जैसे ही पानी और मलबे का सैलाब आया, तो कुछ ही पल में एक युवक का शव धड़ाम से उनके सामने गिरा। ऐसा देख सभी सहम गए। इसके बाद मलबे में कारें, दो पहिया वाहन सहित घरेलू सामान बहता हुआ नजर आया।
कुछ ऐसी ही बीती है मंडी जेल रोड स्थित एक कमरे में रह रहे सात कश्मीरी मजदूरों के साथ। गुलजार अहमद के अलावा शकील अहमद, इरफान, मुश्ताक, फारुख, कुरशीद और शौकत एक साथ किराए के कमरे में रहते हैं। फ्लैश-फ्लड के बीच फंसे सात मजदूरों जैसे-कैसे अपना जीवन तो बचा लिया, लेकिन मजदूरी करके जो भी जमापूंजी, राशन, बर्तन, पांच मोबाइल सहित अन्य सामान बह गया।
बता दें कि मंडी शहर के जेल रोड में फ्लैश फ्लड ने कई प्रभावितों को गहरे जख्म दिए हैं। आपदा से प्रभावित गुलजार अहमद ने बताया कि मंगलवार तडक़े भारी बारिश हो रही थी कि अचानक तीन बजे के बाद पानी की स्तर बढ़ गया। इसी बीच अचानक कमरे में पानी आना शुरू हो गया।
इस बात का पता उन्हें तब लगा, जब पानी उनके ऊपर से गुजरने लगा। जैसे ही गुलजार ने उठा, तो देखा कमरे में दरवाजे और खिडक़ी से भारी मात्रा में पानी आ रहा था। सभी साथियों ने कड़ी मशक्कत से दरवाजा खोला, तो कमरे के बाहर बड़ा भयानक मंजर था।
कमरे से बाहर करीब चार से पांच फुट पानी बह रहा था। सभी साथी पानी के बहाव में कमरे की बाहर की दीवार और सेल्फ पर चढक़र किसी तरह सुरक्षित जगह पहुंचे। इसके उपरांत तडक़े चार बजे जोरदार आवाज होते ही रास्ते में भारी मात्रा में मलबा और पानी का सैलाब आया। इससे सारा सामान बह गया।