हर वर्ष की भांति फाल्गुन प्रविष्टे दो को शैंशर घाटी के बनाऊगी के आराध्य देवता कशु नारायण जी अपनी पूरी हारियान के साथ सबसे पहले सुबह निहारनी गांव जाते हैं वहां से सब हारियान भोजन करने के उपरांत आधे रास्ते तक देवते के साथ ही आते हैं और देवता, गुर के साथ शैंशर के लिए प्रस्थान कर लेते हैं बाकी हार यान वहीं पर बैठते हैं और वाद्य यंत्रों से कशु नारायण जी को वहां से विदा कर स्वयं बनाओगी की ओर जाते हैं। देवता के कार दार मोहनलाल ,गुर संजू ,पुजारी मनीष शर्मा भंडारी ज्ञानचंद ,आलमचंद,दुनी चंद आदि का कहना है कि देवता कशु नारायण गांव पटाहरा होकर जेठी ठाकुरी कहलाया जानेवाले तुंघ में रहते हैं। 2 महीने रहने के पश्चात वैशाख मास शुरू होने से 1 दिन पहले अपने स्थान बनाओगी में पहुंचते हैं और वैशाख सक्रांति को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है जहां लोग दूर-दूर से आते हैं
कपाट खुलते ही शैंशर के तुंग गांव पहुंचे कशु नारायण हुआ भव्य स्वागत
--Advertisement--
--Advertisement--
Subscribe
--Advertisement--
Popular
More like thisRelated
Himachal Assembly Winter Session : सदन में 243 सवाल 14 विधेयक पारित
हिमाचल विधानसभा के इतिहास में पहली बार शुरू हुआ...
कांगड़ा इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने किया विधानसभा धर्मशाला का दौरा
धर्मशाला - हिमखबर डेस्क
उपमण्डल शाहपुर के तहत पड़ते कांगड़ा...
विभिन्न राज्यों की संस्कृति और होनहारों को पुरस्कार वितरित करके संपन्न हुआ कन्या विद्यालय नादौन का वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह
हिमखबर डेस्क
राजकीय उत्कृष्ट कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नादौन का...
महाविद्यालय चुवाड़ी में हालही शुरू हुई पीजी कक्षाओं का निरीक्षण
चुवाडी - अंशुमन
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चुवाड़ी में हाल ही...