शिमला – नितिश पठानियां
ऑपरेशन सिंदूर में अदम्य साहस दिखाते हुए पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरिदके में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने वाले शिमला जिला के जुब्बल के जखोड़ गांव निवासी फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर्शवीर सिंह ठाकुर को भारत सरकार ने देश के तीसरे सर्वोच्च वीरता सम्मान वीर चक्र से सम्मानित करने की घोषणा की है।
आर्शवीर इस ऑपरेशन के लिए वीर चक्र पाने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्तर के एकमात्र अधिकारी हैं। उन्होंने इस मिशन में निर्णायक भूमिका निभाकर आतंकवादियों की गतिविधियों को बड़ा झटका दिया और भारत की सामरिक शक्ति का डंका दुनिया भर में बजा दिया।
आर्शवीर सिंह ठाकुर के पिता नरवीर सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड से सेवानिवृत्त हैं और वॉलीबॉल व क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ी एवं कोच रहे हैं। उनकी माता अमरजीत कौर शिमला के एक सरकारी स्कूल में शारीरिक शिक्षा की अध्यापिका हैं और वॉलीबॉल की कोच भी हैं। खेल और अनुशासन से भरे पारिवारिक माहौल ने ही आर्शवीर को बचपन से ही उत्कृष्टता और दृढ़ संकल्प की राह दिखाई।
इस उपलब्धि पर पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है और हर हिमाचली को आर्शवीर सिंह ठाकुर पर गर्व है। उनका साहसिक योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर्शवीर सिंह ठाकुर को वीर चक्र से सम्मानित किए जाने पर हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि हिमाचल की धरती वीरों की जननी है और आर्शवीर की वीरता पूरे प्रदेश के लिए गर्व का विषय है।