बिलासपुर, सुभाष चंदेल
बिलासपुर में उच्च न्यायालय के सख्त आदेशों के विपरीत एनएच चंडीगड़ मनाली सहित अन्य क्षेत्रों में पशुनपालन विभाग द्धारा टैग किए गए बेसहारा गौवंश को छोडा जा रहा है। इस समस्या के कारण कई बेसहारा गौवंश न केवल सडकों के किनारे सैंकडों के हिसाब से जगह जगह झुंडों में देखे जा सकते है।
इस समस्या के कारण कई बेसहारा गौवंश वाहनो के हादसों के शिकार हो जाते है। बल्कि कई दफा बमौत भी मारे जाते है। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए पंचायत स्तर पर पालतू पशुओं का पंजीकरण अथवा टैगिंग करवावाना अनिवार्य किया है। पशुओं की टैगिंग पशुपालन विभाग करता है। व इसका रिकार्ड पंचायत स्तर पर दर्ज होता हेै।
इस कार्य को सही ढंग से संचालिक करने के लिए पंचायती राज, एनएचएआई, लोक निर्माण विभाग व पशुपालन विभाग को सांझा जिम्मा सौंपा गया है। लेकिन चाक चौबंद व्यवस्था होने के बावजूद फिर भी टैग किए बेसहारा गौवंश को सडकों पर छोडा जा रहा है। यह टैग किए हुए बेसहारा पशु कहां से आ रहे है। और कैेसे इनका आंकडा बढ रहा है ।
यह सबके लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। लेकिन इस मुददे पर न तो संबधित विभाग ध्यान दे रहे है। और न हर प्रशासन व सरकार। उधर, इस संबंध में पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डा लाल गोपाल का कहना कि पशु पालन विभाग पशुआंें की टैंगिंग करता है। व घायल व बिमार पशुओं का उपचार करता है। लेकिन इसका रिेकार्ड पंचायतों द्धारा रखा जाता है।
उधर, बिलासपुर की प्रगति समाज सेवा समिति के अध्यक्ष व पशु प्रेमी सुनील शर्मा का कहा कि प्रदेश सरकार द्धारा बनाए गए कानून इतने अधिक लचीले है। सरकार को चाहिए कि इन कानूनों को सख्त बनाया जाए। उधर , उपायुक्त पंकज राय कहना है कि उन्होंने इस समस्या पर पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर ली हैैं । लेकिन टैंगिग वाले बेसहारा पशुओं का मामला मीडिया के माध्यम से उनके संज्ञान में आया है।
इस संबंस में पंचायत सचिवांे को फिर से सर्वे करने को कहा गया है। उनका प्रयास रहेगा कि स्टरीट डांग व गायों की समस्या का समाधान हो। बिलासपुर जिला परिषद अध्यक्ष कुमारी मुस्कान का कहना है कि यह गंभीर मसला है । वह इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवाएंगी । तथा प्रदेश सरकार को भी इस मुददे को उठाएगी। इसके अलावा विभागीय अधिकारियों से इस मुददे पर चर्चा होगी।