खो-खो में वल्र्ड कप जीतने वाली खिलाड़ी नीता राणा ने लगाई मदद को गुहार, कुल्लू की बेटी बोलीं, अभी तक न कोई इनाम, न मिली नौकरी
हिमखबर डेस्क
भारत की महिला क्रिकेट टीम ने हाल ही में वल्र्ड कप जीत कर जहां भारत का नाम रोशन किया, तो वहीं प्रदेश के रोहडू की रहने वाली बेटी भी इस क्रिकेट टीम में शामिल रही। ऐसे में हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा क्रिकेट खिलाड़ी रेणुका को एक करोड़ रुपए का इनाम देने की भी घोषणा की गई। ऐसे में खिलाडिय़ों में भी जहां काफी खुशी है, तो वहीं कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जो देश का नाम रोशन करने के बाद भी आज सरकारी मदद की राह ताक रहे हैं।
खिलाडिय़ों का कहना है कि क्रिकेट में जीत से खिलाडिय़ों ने देश का नाम रोशन किया, लेकिन उसके बावजूद कई ऐसे खिलाड़ी है, जो कई बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन कर चुके हैं, लेकिन उन्हें सरकार की ओर से न तो कोई ईनाम दिया जा रहा है और न ही किसी अन्य प्रकार की सुविधा।
ऐसी ही एक खिलाड़ी है कुल्लू के खराहल की रहने वाली नीता राणा है। नीता राणा ने दिल्ली में जनवरी 2025 में पहली बार हुए खो-खो के वल्र्ड कप में भारत की टीम में हिस्सा लिया था और भारत की टीम ने वल्र्ड कप पर अपना कब्जा किया था।
राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कमाया नाम
खो-खो खिलाड़ी नीता राणा की पढ़ाई जिला कुल्लू के खराहल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पूरी हुई और तीसरी क्लास से ही उन्होंने खो-खो खेलना शुरू किया था। नीता राणा अब तक ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में भी एक सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल पर अपना कब्जा जमा चुकी है।
इसके अलावा खो-खो वूमन लीग में भी सेकंड रही है। ऑल इंडिया बेस्ट प्लेयर 2022 का खिताब भी इनके नाम है। इसके पहली बार नीता ने साल 2014 में मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय खो-खो प्रतियोगिता में भाग लिया था। ऐसे में कई बार राज्य, राष्ट्रीय स्तर पर नीता राणा प्रदेश का नाम रोशन कर चुकी है।
नीता राणा के बोल
नीता राणा का कहना है कि सरकार क्रिकेट के खिलाडिय़ों को सम्मान दे रही है। वह अच्छी बात है, लेकिन उन्हें अभी तक सरकार की ओर से न तो कोई इनाम मिल पाया और न ही उन्हें सरकारी नौकरी मिल पाई है। वह काफी गरीब परिवार से संबंध रखती है और खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए उन्हें आर्थिक मदद की भी आवश्यकता है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द खेल नीति के तहत मिलने वाली इनामी राशि दे और उनकी परफॉर्मेंस को देखते हुए सरकारी नौकरी का भी प्रावधान किया जाए।

