हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में करीब पौने चार करोड़ रुपये की लागत से बन रहे रेस्ट हाउस को लेकर विवाद हो गया है। बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने एक करोड़ रुपये का भुगतान न होने के कारण भवन पर ताला जड़ दिया है। यह जानकारी इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, लेकिन विभाग इसके विपरीत कह रहा है।
इस बीच विभाग ने असलियत सबके सामने रखी है। विभाग का कहना है कि सुंदरनगर के लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह का कार्य अंतिम चरण में है। ऐसे में ठेकेदार द्वारा विश्राम गृह को आधिकारिक रूप से विभाग को नहीं सौंपा गया है।
विभाग के अनुसार विश्राम गृह के रख रखाव का जिम्मा अभी तक ठेकेदार का ही है। इसमें रखा सामान और इसकी सुरक्षा भी ठेकेदार के ही सुपुर्द है। इसलिए सुरक्षा के लिहाज से ठेकेदार अपना ताला लगा सकता है।
ठेकेदार की राशि की अदायगी के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। राशि का प्राविधान होने पर सारी कागजी कार्रवाई पूरी करने के उपरांत विश्राम गृह विभाग को मिलेगा। पूर्व भाजपा सरकार के समय विश्राम गृह का कार्य शुरू हुआ था। यह अपने आप में एक खूबसूरत विश्राम गृह है।
विश्राम गृह को 3.73 करोड़ की राशि से तैयार किया गया। जिसमें हर प्रकार की सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। इसका 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। जबकि बाकी बचा पांच प्रतिशत कार्य अभी अंतिम चरण में है। जिसमें कमरों का फर्नीचर और अन्य सामान अभी रखा जाना शेष है।
रोशन ठाकुर, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग, सुंदरनगर के बोल
विश्राम गृह को अभी तक विभाग को सौंपा नहीं गया है। पांच प्रतिशत का बचा हुआ कार्य अंतिम चरण में है। सारी आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद यह विभाग को मिलेगा।

