एकजुट संगठन से 2022 में फिर बनेगी BJP की सरकार: कुलदीप शर्मा

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कांगड़ा- राजीव जसवाल 

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने आज मीडिया से बात करते हुए बताया कि संगठन पूरी तरह से एकजुट है तथा कुछ एक मौकापरस्त लोगों के इस्तीफा देने से संगठन की एकता कम नहीं हो सकती।

उन्होंने कहा कि संगठन की एकजुटता से 2022 में हिमाचल प्रदेश में फिर से बीजेपी की सरकार बनेगी। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के द्वारा हिमाचल प्रदेश के लिए जो खास कार्यों की घोषणा की है तथा उन कार्यों को शुरू किया गया है उसको लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार का आभार जताया।

बिलासपुर में एम्स का बनना एक सराहनीय कार्य

उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला के साथ-साथ पूरे प्रदेश भर में विकास को बीजेपी सरकार में गति मिली है तथा आगे भी विकास के कार्यों को बीजेपी सरकार द्वारा इसी प्रकार बिना किसी भेदभाव पूरे प्रदेश में किया जाएगा। बिलासपुर जिला में एम्स अस्पताल का बनना भी एक सराहनीय कार्य है।

जिला कांगड़ा के बडोह से संबंध रखने वाले कुलदीप शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा पूर्ण देश में विकास किया गया तथा कई सालों से लटके हुए कार्य को पूर्ण किया गया। जिसके लिए वह उनका तथा प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हैं।

वहीं, कुलदीप शर्मा ने कहा कि किसानों के हित के लिए बने कृषि कानून बिल को विरोध के चलते प्रधानमंत्री ने वापस करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसके बाद विपक्षियों के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचेगा। किसानों के मामले को लेकर विपक्ष अब तक सियासत कर रही थी।

हर वर्ग का ध्यान रखने का किया काम

सरकार की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने चाहे वह हिमाचल प्रदेश की हो या केंद्र की हर वर्ग का ध्यान रखने का काम किया है। प्रदेश की सड़क व स्वास्थय सुविधाएं पहले बदहाल अवस्था में थीं और आज गांव-गांव में सड़कें व स्वास्थय सुविधाएं पहुंचाने का काम सरकार ने किया है।

आज सैकड़ों योजनाएं ऐसी हैं जिनका लाभ हम सब को सीधे तौर पर मिल रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण और लॉकडाउन के बावजूद केंद्र सरकार ने देश की इकोनॉमी को सही ढंग से संभाला है।

दुनिया में मजबूत हुई भारत की साख

कार्यशैली तथा नीतिगत बदलावों से कैसे योजनाओं की तस्वीर बदल सकती है जनधन योजना इसका एक उदाहरण है। कोई सरकार गरीब कल्याण की भावना रखे इतना पर्याप्त नहीं होता, उसे अमल में लाने के लिए सही नीति, सटीक निर्णय और सशक्त नेतृत्व मायने रखता है।

भाजपा सरकार आने के बाद यह बदलाव देश ने महसूस किया है। अपने पहले पांच साल के कार्यकाल में जनहित के साथ-साथ आर्थिक सुधारों तथा कानूनी जटिलताओं से ईज ऑफ डूइंग तक के लिए मोदी सरकार ने सही नीयत के साथ सफल प्रयास किए हैं।

देश में निवेश बढ़े, उत्पादन की क्षमता बढे़, स्व-रोजगार को बढ़ावा मिले, आधारभूत संरचना के विकास में गति आए तथा भारत की साख दुनिया में मजबूत हो, इन सबको लेकर मोदी सरकार ने चौतरफा कार्य किए।

कोरोना से लड़ाई में कारगर रहे सरकार के कदम

पूरी दुनिया के साथ ही कोरोना संक्रमण ने आरंभिक दौर में ही भारत में भी दस्तक दी। धीरे-धीरे यह संक्रमण पूरे देश में फैलने लगा था। सरकार और जनता दोनों के लिए यह संकट एकदम नया और अबूझ पहेली की तरह था। मोदी सरकार संपूर्ण लॉकडाउन के विकल्प पर आगे बढ़ी।

यह एक साहसिक फैसला था। इस फैसले के बाद श्रमिकों का पलायन सरकार के समक्ष बड़ी समस्या के रूप में आया, लेकिन सरकार ने पूरी योजना के साथ लोगों की परेशानियों को कम करने के लिए अनेक मोर्चों पर काम किया। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश हर मोर्चे पर मुस्तैद दिखा।

स्थिति को संभालने के साथ-साथ देश ने अपने स्तर पर दो-दो वैक्सीन का परीक्षण पूरा करने के बाद टीकाकरण अभियान भी शुरू कर दिया। इस कठिन परिस्थिति में सभी राज्यों को आक्सीजन की उपलब्धता के अलावा अन्य सहायता मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार हमेशा तैयार दिखी।

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