हिमखबर डेस्क
देश की कठिनतम यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा में इस वर्ष शिव भक्तों को पांच ग्लेशियर पार करने होंगे। जून माह के अंतिम सप्ताह में इस पवित्र यात्रा की शुरुआत होगी। मनाली से पहुंचे पर्वतारोहण दल के सदस्य यात्रा से पूर्व रास्तों और ग्लेशियरों का जायजा लेकर लौट आए हैं। अब यह आठ सदस्यीय दल अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेगा और प्रशासन रास्तों का निर्माण सुनिश्चित करेगा।
बीते वर्ष 31 जुलाई को श्रीखंड महादेव की पहाड़ियों में बादल फटने से आई बाढ़ के कारण विभिन्न स्थानों पर रास्ते ध्वस्त हो गए थे।यात्रा में इस वर्ष बीते वर्ष की अपेक्षा बर्फ कम है, लेकिन कई जगह रास्ते खराब हैं। प्रशासन ने 18 से 22 मई तक श्रीखंड यात्रा के रास्तों और ग्लेशियरों की जांच के लिए टीम भेजी थी।
अब यह दल एसडीएम निरमंड को रिपोर्ट सौंपें, जो आगामी कार्रवाई के लिए उपायुक्त कुल्लू को भेजी जाएगी। इस दल में पटवारी बुद्धि सिंह, टेक सिंह, वन रक्षक, दो पुलिस जवान, जल शक्ति विभाग और अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली से दो पर्वतारोही शामिल थे।
टीम ने बताया कि इस बार सिंहगाड, बराहटी नाला में रास्ता पूरी तरह से टूटा हुआ है। पार्वती झरने के पास पुल बनाने की आवश्यकता है। पार्वती बाग से ऊपर बर्फ ही बर्फ है। एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने बताया कि टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
यात्रा में बीते वर्ष पांच लोगों की हुई थी मौत
इस यात्रा में वर्ष 2024 में पांच लोगों की मौत हुई थी। 18570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 32 किलोमीटर का पैदल सफर करना होगा। यहां पर दुर्घटना का मुख्य कारण बर्फ में फिसलने और ऑक्सीजन की कमी होती है।
ऐसे में यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं का पहले स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है और उसके बाद ही उन्हें यात्रा पर जाने की अनुमति दी जाती है। इसके अलावा चोरी छिपे अन्य रास्तों से जाने वाले श्रद्धालु भी हादसों का शिकार होते हैं। समय से पहले ही इस खतरनाक यात्रा पर निकलना जोखिमों भरा बना रहता है।
पार्वती बाग में बनता है अंतिम बेस कैंप
सिंहगाड, थाचड़ू, कुंशा, भीम डवार और यात्रा के अंतिम पड़ाव पर पार्वती बाग को अंतिम बेस कैंप स्थापित किए जाते हैं। स्थानीय ग्रामीण योगेश भार्गव, विकास शर्मा, हितेंद्र ठाकुर का कहना हैं कि पार्वती बाग से ऊपर शॉर्टकट रास्ते को सुरक्षा की दृष्टि से बंदा किया जाना चाहिए। यहां से सफर करना जान जोखिमों में डालने जैसा है।
शिमला से ऐसे पहुंचें श्रीखंड महादेव
प्रदेश की राजधानी शिमला से श्रीखंड यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को शिमला से करीब 130 किलोमीटर दूर रामपुर पहुंचना होगा। इसके बाद यहां से 17 किलोमीटर दूर निरमंड और निरमंड से जाओं 23 किलोमीटर सफर तय करना होगा। इसके बाद जाओं से 32 किलोमीटर यात्रा पैदल तय करनी होती है।
पंच कैलाशों को भगवान भोलेनाथ का निवास स्थान माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार हर कैलाश पर्वत की भगवान शिव से जुड़ी अलग-अलग पौराणिक कथाएं हैं। ये पंच कैलाश तिब्बत में कैलाश मानसरोवर, उत्तराखंड में आदि कैलाश, हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में मणिमहेश, किन्नौर जिले में किन्नर कैलाश और कुल्लू जिले में श्रीखंड महादेव स्थित हैं।