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अपने संबोधन में कहा कि अग्निपथ योजना को लागू करने से सैन्य भर्ती की दिशा में अहम कदम है। इससे तकनीकी तौर पर सक्षम सैनिकों की सेना में भर्ती हो सकेगी।

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व्यूरो रिपोर्ट

भारतीय सेना के चीफ जनरल मनोज पांडे ने एक कार्यक्रम के दौरान अग्निपथ योजना की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस योजना की मदद से सेना को बेहतरीन सैनिक मिलेंगे।

दरअसल पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि अग्निपथ योजना को लागू करने से सैन्य भर्ती की दिशा में अहम कदम है। इससे तकनीकी तौर पर सक्षम सैनिकों की सेना में भर्ती हो सकेगी। साथ ही यह योजना सबसे बेहतरीन सैनिकों को सेवा में रखने में बेहद कारगर है।

पुणे में कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग में एक सम्मेलन के दौरान आर्मी चीफ ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों का यूनिट्स और सब-यूनिट्स में शामिल करने का फैसला पूरी तरह से मेरिट के आधार पर होता है।

चार साल की सेवा के बाद अग्निपथ योजना से सेना में भर्ती हुए अग्निवीरों को रिटायरमेंट पर करीब 12 लाख रुपये मिलेंगे, जिससे वह भविष्य कोई काम कर सकते हैं। अग्निपथ योजना का उद्देश्य युवा सैनिकों की सेना में भर्ती कर सेना की औसत उम्र को 4-5 साल घटाना है।

अग्निपथ योजना का ये भी उद्देश्य है कि जब अग्निवीर सेना में चार साल की सेवा पूरी करेंगे तो वह अपनी युवावस्था के चरम पर होंगे और ज्यादा बेहतर तरीके से अनुशासित होंगे। इससे वह समाज को बेहतर बनाने में योगदान दे सकेंगे। योजना के अनुसार, हर बैच में से 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में स्थायी कमीशन दिया जाएगा।

बता दें कि बीते साल जून में केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को मंजूरी दी थी। अग्निपथ योजना के तहत सैनिकों की सेना में भर्ती चार साल के लिए होती है।

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