आंबल पंचायत के वार्ड नं.-पांच में एक सप्ताह से ग्रामीण प्यासे, ग्रामीणों ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की लगाई गुहार

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जनता में रोष, कहा जल शक्ति विभाग ज्वाली के अधिशाषी अभियंता व कोटला के सहायक अभियंता नहीं उठाते फोन, दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की लगाई गुहार.

भलाड़ – शिबू ठाकुर

विधानसभा क्षेत्र ज्वाली के अधीन पंचायत आंबल के वार्ड नं-पांच बड़ीन के बाशिंदे पिछले एक सप्ताह से पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। पिछले एक सप्ताह से नलकों में पानी की बूंद तक नहीं टपकी है तथा गांववासी दूरदराज से पानी लाने को मजबूर हैं।

ग्रामीणों शीलो देवी, बीरबल कुमार, रतो राम, सुरेन्द्र कुमार, कालू राम, रमेश कुमार, सुरेंद्रा देवी इत्यादि का कहना है कि  हम पिछले एक सप्ताह से पानी को तरस रहे हैं तथा अगर पानी आया भी तो प्रेशर कम होने के कारण बाल्टी भी पानी की नसीब नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि पानी की टैंकियां खाली पड़ी हैं तथा शौचालयों की टैंकियों में भी पानी नहीं है।

खाली टैंकियां व शौचालय पानी के बिना शोपीस बन गए हैं। नहाने व पीने के अलावा पशुओं को पिलाने के लिए पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। कपड़े धोने के लिए भी पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि एक तरफ फसल की कटाई का कार्य जोरों पर है तो ऊपर से पानी की समस्या पैदा हो गई है। फसल काटने को जाने से पहले पानी का जुगाड़ करना पड़ता है। टैंकरों से मजबूरन पानी मंगवाना पड़ रहा है जिससे मानसिक व आर्थिक परेशानी हो रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और जल शक्ति विभाग द्वारा जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल लगा रही है और करोड़ों रूपए खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर पानी ही नहीं छोड़ना है तो करोड़ों रुपए खर्च करके लोगों के घरों में नलके लगाने का क्या ओचित्य है।

उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में करोड़ों की लागत से बौह दरिणी पेयजल योजना बनाई गई थी जिसके बनने से पेयजल की समस्या दूर हुई थी लेकिन मौजूदा समय में 8 माह पहले स्लाइडिंग होने से इसकी पाइपें टूट गई थीं जिसको दुरुस्त करवाने की जल शक्ति विभाग ने जहमत नहीं उठाई है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।

उन्होंने जल शक्ति विभाग ज्वाली के अधिशाषी अभियंता व विभाग कोटला के सहायक अभियंता के खिलाफ भी जोरदार रोष प्रकट किया तथा कहा कि हम पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं तथा विभागीय अधिकारी फोन उठाने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। आखिरकार किसको अपना दुखड़ा सुनाएं।

उन्होंने कहा कि फोन न उठाने वाले दोनों ही अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यदि जल शक्ति विभाग ने तीन दिन के भीतर पानी की समस्या का समाधान नहीं किया तो मजबूरन जल शक्ति विभाग कोटला कार्यालय के बाहर खाली घड़े लेकर प्रदर्शन किया जाएगा।

उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सूक्खु, जल शक्ति मंत्री व कृषि एवं पशुपालन मंत्री चन्द्र कुमार से मांग की है कि पेयजल समस्या का समाधान करवाया जाए।

विभागीय अधिकारियों ने नहीं उठाया ‘हिमख़बर के सम्वाददाता’ का फोन

इस बारे में जब हिमख़बर के संवाददाता ने शक्ति विभाग जवाली के अधिशाषी अभियंता व कोटला के सहायक अभियन्ता को संपर्क किया तो कई बार फोन करने के बाद भी दोनों अधिकारियों ने फोन नहीं उठाया। जो अधिकारी मीडिया का फोन ही नहीं उठाते वो जनता का फोन क्या उठाते होंगे।

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