हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव से जुड़ी हुई बड़ी खबर है। हमीरपुर जिले के डीसी पंचायती राज विभाग के सचिव को पत्र लिखकर चुनाव देरी से करवाने का अनुरोध किया है। ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या हिमाचल प्रदेश में पंचायतों के चुनाव कुछ समय के लिए टाले जाएंगे?
हमीरपुर के डीसी अमरजीत सिंह ने पंचायती राज विभाग को लिखे पत्र में कहा कि इस साल भारी बारिश एवं प्राकृतिक आपदाओं के कारण जिले में निजी एवं सरकारी सम्पत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें बंद और गाँवों को जोड़ने वाले पैदल रास्ते भी काफी टूट गए हैं और इस वजह आवाजाही प्रभावित हुई है। कई लोगों के निजी मकान, भूमि एवं अन्य सम्पत्तियाँ को भारी क्षति हुई हैं।
ऐसे में प्रभावित जनता को राहत एवं पुनर्वास प्रदान करने के लिए मनरेगा आदि योजनाओं के अन्तर्गत अनेक कार्य प्रारंभ किए गए हैं। डीसी ने अपने पत्र में लिखा कि अभी तक कई ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों के ठीक न होने के कारण यातायात सामान्य रूप से बहाल नहीं हो पाया है और आपदा राहत कार्यों में जिला प्रशासन तथा विभाग के अधिकारी पूर्ण रूप से व्यस्त हैं।
ऐसे में पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन को करवाया जाना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। उन्होंने सरकार से पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के सम्बन्ध में आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 (Disaster Management Act) के प्रावधानों के अन्तर्गत आवश्यक आदेश जारी करने की मांग की है। गौरतलब है कि हाल ही में तीन अक्तूबर को शिमला में पंचायती राज विभाग के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा था कि 15 से 20 दिसंबर के आसपास पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं।
उधऱ, राज्य निर्वाचन आयोग, जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के आदेश दिए थे। इन आदेशों के अनुसार, प्रारंभिक मतदाता सूचियाँ 6 अक्टूबर, को प्रकाशित की गई हैं और फिर दावे और आपत्तियां 8 अक्टूबर से 17 अक्टूबर, 2025 तक पेश किए जाएंगे।
वहीं, पुनरीक्षण प्राधिकारी की ओर से दावे और आपत्तियों का निपटारा 27 अक्टूबर तक किया जाएगा। बाद में अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील 3 नवम्बर तक अपील दाखिल की जा सकती है। इन अपीलों पर निर्णय 10 नवम्बर तक किया जाएगा और फिर चुनाव आयोग अंतिम मतदाता सूचियों का प्रकाशन 13 नवम्बर से पहले करेगा।
हिमाचल में कितनी पंचायतों में होंगे चुनाव
हिमाचल में पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण तय किया गया है और ऐसे में करीब 1,789 पंचायतों में प्रधान का पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। इस बार 3,577 ग्राम पंचायतों में चुनाव होने जा रहे हैं और इसमों दो माह का वक्त बचा है।