धर्मशाला, 30 अगस्त – हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम के जिला प्रबंधक सौरभ शर्मा ने जानकारी दी कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति से सम्बन्धित विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा ब्याज मुक्त और सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।
उन्होंने बताया कि निगम की ‘शिक्षा ऋण योजना’ के अंतर्गत अनुसूचित जाति व जनजाति से संबंधित युवाओं को 10वीं अथवा बारहवीं पास करने के बाद तकनीकी विषयों और व्यवसायों में पढ़ाई करने हेतु अधिकतम 75 हजार रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। इसके अलावा 75 हजार रूपये से 1 लाख 50 हजार रूपये तक का ऋण 4 प्रतिशत वार्षिक दर पर उपलब्ध करवाया जाता हैं।
उन्होंने बताया कि शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत केवल उन्हीं छात्र/छात्राओं को लोन दिया जाता है जिनके परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक न हो। इस योजना में जेबीटी, एमबीबीएस, इंजीनियरिंग, होटल प्रबंधन, एमबीए, एमएससी नर्सिंग, जीएनएम, बीएड आदि डिप्लोमा तथा डिग्री कोर्सेस के लिए ऋण देने की सुविधा है। ऋण की वसूली कोर्स पूर्ण होने के 2 वर्ष बाद अथवा नौकरी मिलने पर, जो भी पहले हो, शुरू हो जाती है।
बकौल सौरभ शर्मा, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के सौजन्य से भी शिक्षा ऋण योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत 10 लाख रूपये तक के शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाये जाते हैं। यह ऋण केवल उन्हीं छात्र-छात्राओं को दिए जाते हैं जिनके परिवार की वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम हो। यह शिक्षा ऋण 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध करवाया जाता है तथा महिला छात्राओं को ब्याज दर में 1 प्रतिशत की छूट है।
उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के जो भी इच्छुक पात्र विद्यार्थी ‘शिक्षा ऋण योजना’ का लाभ उठाना चाहते हैं, वे जिला प्रबन्धक हि. प्र. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम कांगड़ा स्थित धर्मशाला के कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सकते हैं।