ज्वाली – अनिल छांगु
जिला कांगड़ा के चलवाड़ा निवासी अंशुल रंधावा ने हाइपोकैलिमिया पर शोध किया है तथा पाया है कि इसके परिणामस्वरूप हेमोडायलिसिस रोगियों में हृदय संबंधी मौत हो सकती है तथा इस शोध को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस में प्रकाशित किया गया है।
अंशुल रंधावा अभी गुजरात के बडोदरा शहर के एसएसजी राजकीय अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे हैं। अंशुल रंधावा ने बताया कि मैंने अपनी रिसर्च में निष्कर्ष निकाला है कि हाइपोकैलिमिया के परिणामस्वरूप हेमोडायलिसिस रोगियों में हृदय संबंधी मौत हो सकती है।
अंशुल रंधावा की इस उपलब्धि से समस्त जवाली का नाम रोशन हुआ है। अंशुल रंधावा का जन्म 5 मई 1995 को चलवाड़ा में जरनैल सिंह व सुलक्षणा कुमारी के घर हुआ।
अंशुल रंधावा के पिता जरनैल सिंह 19 असम राइफल अरुणाचल में बतौर जेसीओ अपनी सेवाएं दे रहे हैं जबकि माता सुलक्षणा कुमारी गृहिणी हैं तथा पंचायत चलवाड़ा की प्रधान भी रह चुकी हैं।
अंशुल रंधावा की शिक्षा स्प्रिंग डेल कान्वेंट स्कूल पलौहड़ा (जवाली) से हुई है। जमा दो की पढ़ाई करने के बाद नीट पास किया तथा डॉक्टर ऑफ फार्मेसी पारुल यूनिवर्सिटी बडोदरा से की। अभी एसएसजी राजकीय अस्पताल बडोदरा में प्रैक्टिस कर रहा है।
अंशुल रंधावा ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने गुरुजनों तथा अपनी कड़ी मेहनत व अभिभावकों को दिया है। उन्होंने बताया कि आगे भी रिसर्च करके मरीजों को सुविधा प्रदान करना लक्ष्य रहेगा।
अंशुल रंधावा के माता-पिता ने अंशुल रंधावा के गुरुजनों का धन्यवाद किया है जिनके प्रयासों से यह मुकाम हासिल हुआ है।