शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने निगम के 18 होटलों को ‘सफेद हाथी’ करार देते हुए इन्हें बंद करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने एचपीटीडीसी कर्मचारियों द्वारा दायर एक सिविल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया गया है।
न्यायाधीश ने कहा कि बार-बार अदालती हस्तक्षेप और विस्तृत निर्देशों के बावजूद निगम इन परिसंपत्तियों को पुनर्जीवित करने या उन्हें लाभकारी बनाने में विफल रहा है। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि सार्वजनिक संसाधनों को ऐसे उपक्रमों पर बर्बाद नहीं किया जा सकता जो लगातार वित्तीय रूप से घाटे में चल रहे हैं।
चैल में प्रतिष्ठित पैलेस होटल, धर्मशाला में होटल धौलाधार और मनाली में होटल लॉग हट्स सहित प्रमुख पर्यटन स्थलों की 18 संपत्तियों में पिछले कुछ वर्षों में आश्चर्यजनक रूप से होटलों के अधिकतर कमरे खाली पड़े रहे। अदालत ने एचपीटीडीसी के प्रबंध निदेशक को 25 नवंबर तक इन इकाइयों को तत्काल बंद करने का निर्देश दिया, और अनुपालन के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया।
इसके अलावा, रखरखाव के लिए केवल आवश्यक कर्मचारियों को ही रखा जाएगा, जबकि बाकी को अन्य कार्यशील इकाइयों में जनशक्ति की कमी को दूर करने के लिए फिर से तैनात किया जाएगा।
जिन 18 होटलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं :
1. द पैलेस होटल चायल
2. होटल गीतांजलि, डलहौजी
3. होटल बाघल दाड़लाघाट
4. होटल धौलाधार धर्मशाला
5. होटल कुणाल धर्मशाला
6. होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला
7. होटल एप्पल ब्लॉसम फागू
8. होटल चंद्रभागा केलोंग
9. होटल देवदार खजियार
10. होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर
11. होटल मेघदूत कियारीघाट
12. होटल सरवरी कुल्लू
13. होटल लॉग हट्स मनाली
14. होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली
15. होटल कुंजुम मनाली
16. होटल भागसू मैक्लोडगंज
17. होटल द कैसल नग्गर
18. होटल शिवालिक परवाणू