महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार ने पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों की कैबिनेट बैठकों में जमकर वकालत की है। कांग्रेस सरकार ने इन शिक्षकों को मझधार में छोड़ दिया था।
शिमला, जसपाल ठाकुर
शिक्षकों के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर उठे विवाद पर हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने अपनी सफाई दी है। महेंद्र ठाकुर ने कहा कि मैंने मजाक में शिक्षकों को लेकर बात कही थी उसे अन्यथा ना लिया जाए। मेरे बयान से अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं। राज्य सचिवालय में पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में मंत्री ने कहा कि किसी भी वर्ग या समाज को ठेस पहुंचाने की उनकी भावना नहीं थी।
महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार ने पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों की कैबिनेट बैठकों में जमकर वकालत की है। कांग्रेस सरकार ने इन शिक्षकों को मझधार में छोड़ दिया था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सहानुभूतिपूर्वक इस मामले को समझते हुए शिक्षकों को बड़ी राहत दी है।बता दें बीते चार जुलाई को कुल्लू में जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कोरोना के बीच सेवाएं देने वाले मास्टरों की खिल्ली उड़ाई थी।
जल शक्ति मंत्री ने बंजार में हुई जनसभा के दौरान कहा था जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों ने काम किया। अन्यों ने तो मजे ही किए। इस दौरान मास्टरों ने बहुत ही ज्यादा मजे किए। फिर फ्रंटलाइन वर्कर बन गए कि उनको सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाए। पता नहीं उन्होंने क्या काम किया यह तो ईश्वर ही जानता है। मंत्री का इस बयान को लेकर एक वीडियो भी वायरल हुआ था।
मंत्री के इस बयान के बाद शिक्षक संघ भड़क गए। महेंद्र सिंह का ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक विरोध करने की योजना है। शिक्षक विरोधी बयान को लेकर आगामी रणनीति बनाने में विभिन्न शिक्षक संगठन जुट गए। कांग्रेस, माकपा, आम आदमी पार्टी सहित कई सामाजिक संगठन शिक्षकों के पक्ष में आ गए। अब मंत्री ने अपने शब्दों को वापस लेने की बात कही है। ऐसे में देखना होगा कि शिक्षक संगठन अब क्या फैसला लेते हैं।