ऊना- अमित शर्मा
सहकारिता विभाग ऊना के अतिरिक्त पंजीयक अधिकारी रत्न बेदी ने अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए दियोली सहकारी सभा के प्रधान सुरेंद्र सिंह व जुगल किशोर को बर्खास्त कर दिया है। जानकारी के अनुसार दियोली सहकारी सभा का बहुचर्चित 13 करोड़ 20 लाख गबन मामले में वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक की कमेटी को गबन का दोषी पाया गया था।
उस कमेटी में वर्तमान प्रधान सुरेंद्र सिंह व वर्तमान कमेटी का सदस्य जुगल किशोर भी शामिल थे। गबन का दोषी पाए जाए पर दोनों सदस्य डिफाल्टर श्रेणी में आ गए और सहकारी सभाएं नियामवली के अनुसार ये लोग सहकारी सभा के किसी भी पद पर नहीं रह सकते।
इसी के कारण पहले एआर ऊना ने वित्तीय शक्तियां प्रधान से छीन ली थी और अब कार्रवाई करते हुए प्रधान व सदस्य को बर्खास्त कर दिया है। दियोली सहकारी सभा में 13 करोड़ 20 लाख के गबन को लेकर पिछले दो साल से लगातार खाताधारक अपनी अमानत के लिए संघर्ष कर रहे हैं और सहकारी सभा पंजीयक की अदालत ने एक कमेटी को इस गबन का दोषी मानते हुए सभा के सदस्यों की प्रॉपर्टी अटैच करके सभा के सदस्यों को अमानत देने के निर्देश जारी किए हैं।
सभा के सदस्य इस फैसले के खिलाफ अपनी अपील शिमला रजिस्ट्रार के पास कर चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सभा में एफडीआर के पैसे को लेकर गबन हुआ है। खाताधारकों को रसीद तो दे दी गई। लेकिन पैसा सभा के खाते में जमा नहीं करवाया गया।
दो विभाग कर रहे मामले की जांच
इस मामले की जांच सहकारिता विभाग और पुलिस विभाग अलग-अलग तरीके से कर रहे हैं। पुलिस की जांच अभी चल रही है और इस मामले में सभा का सचिव और उस कमेटी के प्रधान को भी गिरफ्तार किया गया था, जबकि सभा के चौकीदार ने इस मामले में अग्रिम जमानत ली थी जो अब भी जांच के दायरे में है। पुलिस का दावा है कि इस मामले में अभी और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
क्या कहते हैं सहायक पंजीयक
सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं ऊना रत्न बेदी गबन करने वाली कमेटी में मौजूदा प्रधान व एक।सदस्य भी शामिल था इसलिए वो डिफाल्टर होने की सूरत में सभा के किसी पद पर नहीं रह सकते, उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया गया है।

