विपक्षी कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उसके बाद सदन में खड़े होकर चर्चा करने की मांग उठाने लगे। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से विस्तृत जवाब आ गया है। ऐसे में कोई औचित्य नहीं रह जाता है। कांग्रेस के विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा हम 4 महीने से इंतजार कर रहे हैं, सरकार ने कहा था कि मौत की जांच से अवगत करवाएंगे।

कांग्रेसी विधायकों ने विरोध स्वरूप नारेबाजी शुरू कर दी। मुकेश अग्निहोत्री का कहना था कि एक सांसद की मौत हुई है। जिसका संबंध हिमाचल प्रदेश से भी है ऐसे में जांच रिपोर्ट आनी चाहिए थी। लेकिन सरकार इस संवेदनशील मामले को छुपा रही है।

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कांग्रेसी विधायकों के शोर-शराबे को देखते हुए कहा कि रामस्वरूप शर्मा की संदिग्ध मौत के मामले में बजट सत्र के दौरान चर्चा हो चुकी है। इसलिए इस मामले की जांच अभी चल रही है। ऐसे में जांच को किसी भी रूप से प्रभावित नहीं किया जा सकता और न ही इस मामले में चर्चा हो सकती है। इससे पूर्व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी इस मामले को उठाने को लेकर कांग्रेसी विधायकों की आलोचना की और कहा कि इस प्रकार से चर्चा नहीं हो सकती है।

शोर-शराबे के बीच में प्रश्नकाल शुरू हुआ। विपक्षी कांग्रेस समिति सदस्य सत्ता पक्ष और विधानसभा अध्यक्ष के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और प्रश्नकाल के दौरान नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस विधायक खड़े होकर विरोध जताने लगे और सरकार सीबीआई जांच क्यों नहीं करवा रही सवाल उठाने लगे।