शाहपुर, नितिश पठानियां
22वे विजय कारगिल दिवस को आज शाहपुर की बसनूर पंचायत मे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति कमल शर्मा की अगुवाई मै कारगिल के शहीद वीर जवानों को याद करके मनाया गया।
इस कार्यक्रम की शरुआत वंदे मातरम् से करके शहीद हुए वीर जवानों के लिए दो मिनट का मोन रखकर की गई।देश भक्ति के गानो के साथ अलग अलग कार्यक्रम हुए। इस उपलक्ष्य पर सैनिको ने अपना संबोधन भी रखा।
जिसमे कैप्टन प्रीतम सिंह, कैप्टन सुशील शर्मा, सूबेदार पवन कुमार, कैप्टन सतीश धीमान, हवलदार राकेश अवरोल, प्रधान बागडू हवलदार प्रकाश चौधरी, सभी वक्ताओ ने सेना मै अपने कार्यकाल के बारे मे जहाँ प्रकाश डाला ।
वहीं दो ऐसे सैनिक कार्यक्रम मे मोजूद रहे। जिन्होंने कारगिल का युद भी लड़ा था। हवलदार राकेश अवरोल , हवलदार रजनीश शर्मा।
सैनिक राकेश अवरोल ने युद्ध के बारे मे पूरी जानकारी रखी। किस तरह से भारतीय सैनिकों ने 18 हजार की ऊँची चोटी पर पहुँच कर इस जंग मै विजय हासिल की। किस तरह से पाक सैनिको को धूल चटाई। विजय पताका राष्ट्रीय ध्वज 60 दिन की लंबी लडाई के बाद फिर से फहराया। जिसमें हमारे कई सैनिको ने सहादत का जाम पिया।
हमारे हिमाचल के बीर सपूत कैप्टन विक्रम वत्रा, कैप्टन सौरभ कालिया, सिपाही खेम राज, सहित 54 जवान हिमाचल सहित कुल 449 वीर सैनिको ने सहादत का जाम पिया था। कांगड़ा जिला के 15 जवान जिसमे रहे।
कमल शर्मा ने भी कारगिल युद्ध के बारे मे संक्षिप् रूप से विचार रखे और कहा की कारगिल युद्ध के बाद ही उस समय के मौजूद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने निर्णय लिया था की अव किसी भी सैनिक की सहादत या अक्समिक मृत्यु होने के बाद उसके पार्थिव शरीर को समानजनिक तरीके से उसके परिवार को शोपां जायेगा।
तभी से यह नियम शुरू हुआ। अन्यथा उस से पहले ऐसा नहीं होता था। ये उस समय की सरकार ने बहुत सही निर्णय लिया था। वहीं आये हुए सभी सैनिको का कमल शर्मा ने धन्यबाद किया की हमे वीर सैनिको को समय समय पर याद करके सच्ची श्रधान्जलि देनी चाहिए।
इसी के साथ सभी को मंच पर टोपी पहनाकर कर पूर्व सैनिक स्व. कैप्टन किशन चंद जी की पत्नी प्रेमी देवी के द्धारा समानित करवाया गया कार्यक्रम के अंत मे सभी आये हुए सैनिको के लिए चाये पार्टी का आयोजन भी रखा गया था।
इस मौके पर सैनिक सी.एल डोगरा, ओम प्रकाश, रविंद्र कौंडल, पूर्व सैनिक कल्याण समिति रेहलु के अध्यक्ष कैप्टन निधिया राम ठाकुर, प्रभात शर्मा, नरेश शर्मा, खेम चंद, सतीश कुमार, जगरूप सिंह, सुरेश कुमार, सूबेदार अमर् सिंह, सूबेदार कमलजीत चौहान, हवलदार अर्जुन कुमार, कैप्टन जोगिंदर सिंह, हवलदार सुरूप सिंह, सहित और भी कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।