जीएसटी सतर्कता ब्यूरो क्षेत्रीय कार्यालय बद्दी ने 950 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग का मामला पकड़ा है। प्रदेश में फर्जी बिलिंग का यह सबसे बड़ा मामला बताया जा रहा है। दो लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है।
नालागढ़, सुभाष चंदेल
जीएसटी सतर्कता ब्यूरो क्षेत्रीय कार्यालय बद्दी ने 950 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग का मामला पकड़ा है। प्रदेश में फर्जी बिलिंग का यह सबसे बड़ा मामला बताया जा रहा है। दो लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। जांच की जा रही है कि इस गिरोह में और कौन लोग शामिल हैं और फर्जी बिलिंग को कैसे अंजाम दिया जाता था।
जीएसटी सतर्कता ब्यूरो शिमला जोन के उपनिदेशक हरविंदर पाल सिंह ने बताया कि ब्यूरो ने प्रतीक गर्ग और अक्षत बंसल उर्फ मोनू को इस मामले में पकड़ा है। उन्होंने बताया कि ये दोनों फर्जी बिल बनाते थे और दिहाड़ीदार और रिक्शा चालक के नाम पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) का पंजीकरण करते थे।
20 और 21 जुलाई को हिमाचल और दिल्ली में आठ स्थानों पर दबिश दी और फर्जी बिलिंग का यह मामला पकड़ा। दोनों शातिर दिल्ली के रहने वाले हैं। ब्यूरो को मिली जानकारी के अनुसार उक्त आरोपित हवाला कारोबार में भी संलिप्त हैं। हालांकि, इसकी अधिक जानकारी एकत्रित की जा रही है। इससे पहले जीएसटी सतर्कता निदेशालय चंडीगढ़ ने पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ में कई स्थानों पर दबिश दी थी।
बताया जा रहा है कि फर्जी बिलिंग यहां से ही हुई है। इसके बाद जीएसटी निदेशालय की टीम ने अतिरिक्त महानिदेशक के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश व पंजाब के विभिन्न स्टील एवं लौह उद्योगों में दबिश दी व रिकार्ड खंगाला था।
उपनिदेशक हरविंदर पाल ने बताया कि इसका मास्टरमाइंड मंडी गोबिंदगढ़ का साहिल गर्ग था जिसे कुछ माह पहले गिरफ्तार किया था। अब वह न्यायिक हिरासत में है। अब हुई कार्रवाई में सतर्कता ब्यूरो की टीम में वही अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने कुछ माह पहले 750 करोड़ की फर्जी बिलिंग का मामला पकड़ा था। इस मामले में एक आरोपित साहिल गर्ग को पकड़ा है।