शिमला, जसपाल ठाकुर
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सत्ता में आने के बाद से ही प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए एक नहीं कई ऐसी योजनाएं शुरू की है जिनका सीधा लाभ आज प्रदेश की जनता को मिल रहा है। उन्हीं योजनाओं में से एक ऐसी योजना है हिमकेयर योजना जिसका सीधा लाभ आज प्रदेश की जनता को मिल रहा है।
अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बहुत अच्छा कदम उठाया है और अब हिमकेयर योजना के तहत दिल और किडनी का इलाज भी फ्री होगा। इससे लाखों परिवारों को फायदा मिलेगा, गरीब परिवार करवा सकेंगे बड़े आपरेशन।
अब अगर राज्य में किसी भी मरीज को हार्ट से संबंधित बीमारी का ऑपरेशन करना पड़े, तो हिम केयर कार्ड होने पर फ्री होगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना भी जारी होगी। हिम केयर कार्ड योजना में पहले इस तरह के मेजर ऑपरेशन कवर नहीं होते थे। ऐसे में अब इस कार्ड में किडनी ट्रांसप्लांट को भी जोड़ दिया गया है।
ऑपरेशन करने से लेकर उसके बाद होने वाली दवाओं का खर्च भी अब लाभार्थियों को अपनी जेब से नहीं देना होगा। इस ऑपरेशन पर साढ़े चार लाख रुपए का खर्चा आता है।आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा उन गरीब परिवारों को होगा जो पैसे के अभाव में ईलाज नहीं करवा सकते थे। वहीं कार्डियक रीसिकरोनाइजेशन थैरेपी का खर्चा भी हिम केयर कार्ड लाभार्थियों को अपनी जेब से नहीं देना होगा। इस थैरेपी में हार्ट को सुचारू रूप से चलाए रखने में मदद मिलती है। इस पर भी 3.80 लाख से चार लाख रुपए का खर्चा आता है।
यही नहीं इंटरा कार्डिक डेफिड्रिलेटर इंस्ट्रेन का उपचार भी हिम केयर कार्ड योजना में जोड़ दिया गया है। यह भी एक तरह की हार्ट सर्जरी है। इस पर करीब तीन लाख 20 हजार का खर्चा आता है। वहीं, शरीर के अंदर बंद पड़ी वेन को पता करने के लिए भी एक तरह का अल्ट्रासाउंड किया जाता है, ताकि पता चल सके कि शरीर के किस हिस्से में दिक्कत है। इस पर 45 से 50 हजार का खर्चा होता है। यह भी अब मुफ्त होगा। वहीं, ऑप्टिकल अल्ट्रासाउंड भी अब हिमकेयर कार्ड योजना के दायरे में लाया गया है। इस पर भी करीब 70 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का खर्चा आता है।
सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के इस फैसले का काफी लोगों ने समर्थन किया है। प्रदेश में हिमकेयर योजना के तहत अब तक 4 लाख से ज्यादा लोग अपना हिमकेयर कार्ड बनवा चुके हैं साथ ही इस योजना के तहत लाखों लोगों का फ्री ईलाज करवा चुके हैं। आपको हम यहां बता दें की 160 करोड़ से ज्यादा रुपए लोगो के ईलाज पर खर्च किये जा चुके हैं।