मंडी, नरेश कुमार
पूर्व पंचायत समिति अध्यक्ष कुलदीप सिंह चम्बयाल ने कहा कि प्रदेश के समस्त विभागों में आउटसोर्स पर तैनात किए गए कर्मचारियों के लिए जल्द सशक्त नीति बनाने की मांग की है । उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न विभागों में 40 हजार के लगभग आउटसोर्स कर्मचारी है, जो कि अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित है।
एक तो उनका मासिक वेतन बहुत कम है, दूसरा सरकार उनके भविष्य के सुरक्षा हेतु कोई ठोस नीति नही बना रही है, जबकि ये कर्मचारी शिक्षित है और विभिन्न विभागों में ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाते है,
पूर्व में रहे मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह जी ने आउटसोर्स कर्मियों हेतु नीति बनाने की बात की थी, लेकिन वर्तमान सरकार इस विषय पर गम्भीरता नही दिखा रही है । आउटसोर्स पर तैनाती पढ़े-लिखे युवाओं के साथ सरासर अन्याय है, जहाँ एक तरफ ठेकेदार या सम्बंधित कम्पनी कम वेतन देकर इनका शोषण करती है वही विभागों में अन्य नियमित कर्मी की अपेक्षा इनसे आउटसोर्स के नाम पर ज्यादा कार्य भी करवाया जाता है।
कुलदीप सिंह चम्बयाल ने प्रदेश सरकार सहित माननीय मुख्यमंत्री से मांग उठाई है कि इन आउटसोर्स कर्मियों के लिए सशक्त नीति बनाई जाए ताकि संविधान के समानता के मौलिक अधिकार की सत्यता सिद्ध हो सके।
नीति तभी कर्मचारी हितैषी होगी यदि 5 या 8 साल की किसी विभाग में नियमित सेवा देने के उपरांत उसी विभाग में इनको मर्ज किया जाए। लोकतंत्र द्वारा चुनी गई सरकार के लिए ये कोई कठिन कार्य नही है।
कुलदीप सिंह चम्बयाल ने कहा कि 40 हजार आउटसोर्स कर्मचारी अधर में लटके हैं इनके लिए स्थाई नीति बने ताकि किसी का शोषण न हो।