ज्वालामुखी, गुरुदेव राणा
विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां ज्वाला की नगरी में कोरोना काल में संक्रमित मरीजो की रिकवरी रेट सबसे ज्यादा आंकी गई जिससे इस क्षेत्र की जनता ने राहत की सांस ली है। स्वास्थय खंड ज्वालामुखी में कोरोना संक्रमितों की संख्या जहां डेढ हजार पार कर गई वहीं रिकवरी रेट भी सबसे ज्यादा आंका गया है।
संक्रमण से ज्यादा मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। ज्वालामुखी स्वास्थय खंड की बात करें तो 1 लाख 46 हजार 102 की आबादी बाले इस क्षेत्र में 708 गांवों के लोगों के लिए स्वास्थय सुविधाऐं नाकाफी हैं मात्र दो प्राईवेट एंबुलेंस इस क्षेत्र में दौड रही है।
स्वास्थय विभाग के आंकड़ों पर नजर दौडाई जाए तो जनवरी 2021 से मई तक 1600 से ज्यादा लोग कोरोना पाजिटिव आऐं हैं। और मार्च से मई तक सरकारी आंक ड़ों के अनुसार 70 मौते कोरोनो संक्रमण के कारण हुई हैं। 1530 लोग रिकवर भी हुई हैं जो कि सबसे ज्यादा रिकवरी रेट है।
स्वास्थय से लापरवाही ना करें कोरोना नियमों का करें पालन: डा. पवन
वरिष्ठ चिकित्सक ज्वालामुखी अस्पताल डा. पवन शर्मा ने बताया कि ज्वालामुखी क्षेत्र के जो लोग ईलाज के लिए उनके पास पंहुचे उन्हे उचित परामर्श व उपचार दिया गया जिसके बाद वह संक्रमण से बच गए और स्वस्थ हैं। कई मरीज ऐसे भी पंहुचे जिन्होने पहले डाक्टरी सलाह नही ली और संक्रमण बढ जाने पर अस्पताल पंहुचे वह भी ज्यादा संख्या में उचित परामर्श के बाद ठीक हुए। मरीजों को उचित परामर्श के साथ कोविड नियमों को पालन करने की सलाह भी दी गई।
ज्वालामुखी में छुपाने से बढ़ा मर्ज
ज्वालामुखी उपमंडल में ऐसे मामले भी सामने आए जिनमें कोरोना संक्रमित मरिजों ने पहले अपने संक्रमण को छुपाए रखा और प्राईवेट दवा विक्रेताओं, नीम हकीमों से दवाई लेते रहे बाद में संक्रमण ज्यादा फैल जाने पर सरकारी अस्पताल की ओर किया रुख फिर हुए रिकवर।
ज्वालामुखी अस्पताल में स्वास्थय सुविधाओं की भी खुली पोल
कोरोना काल में जहां सरकारी अस्पतालों पर निर्भर लोग अस्पतालों में पंहुचे तो वहां पर स्वास्थय सुविधाओं की भी पोल खुलती नजर आई। ज्वालामुखी अस्पताल में 9 महीने से अल्ट्रासाउंड मशीन इस कोरोना काल में रही खराब जिसका स्थानीय लागों को नही मिला फाएदा , अस्पताल का जनरेटर भी खराब इसके अलावा कांग•ाों में 100 बैड की स्वीकृति मौके पर मात्र 25 से 30 बैड की व्यवस्था,इन सारी अव्यवस्थाओं की पोल भी इस कोरोना काल में जनता के सामने खुल गई।