शिमला, जसपाल ठाकुर
हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में एक साक्षरता भरे राज्य के नाम से देश में जाना जाता है हिमाचल प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में साक्षरता दर एक अच्छी प्रतिशतता में है लेकिन यदि बात प्रदेश के वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य की करें तो रोजाना निजी विश्वविद्यालयों द्वारा फर्जी डिग्री भारी-भरकम फीस शिक्षा के नाम पर व्यापार देखने को मिलता है जिसने आज हिमाचल प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में शर्मसार किया है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत सह मंत्री विक्रांत चौहान ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि राजधानी के हेरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट जो अपने शुरुआती दौर से मदुरई कामराज विश्वविद्यालय तमिलनाडु का प्रशिक्षण केंद्र था जिसकी वार्षिक फीस मात्र 21000 रुपये थी, लेकिन हेरिटेज इंस्टिट्यूट ने आम छात्रों से विभिन्न कोर्सेज की भारी फीस लेते हुए फर्जीवाड़ा शुरू किया और लाखों रुपये की आम छात्रों से भारी भरकम फीस वसूली।
जबकि इस प्रशिक्षण केंद्र की वास्तविक फीस ₹21000 थी आम छात्रों के फर्जी दाखिले करवाएं और छात्रों से भारी फीस वसूली समय बीत जाने के बाद जब छात्रों को उनकी डिग्री मिली तो उसमें कॉरस्पॉडेंस डिग्री लिखा हुआ था छात्रों ने राज्य के विनियामक आयोग को शिकायत दर्ज की लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है नियामक आयोग ने केवल ₹700000 का जुर्माना लगाते हुए इस इंस्टिट्यूट पर कार्रवाई की लेकिन प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के लिए यह एक बहुत बड़ा कलंक है और हजारों लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। रोजाना शिक्षा क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालय द्वारा फर्जी डिग्री बेचने का गोरख धंधा चरम सीमा पर सक्रियता भरे है।
विक्रांत चौहान ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का स्पष्ट मत है कि ऐसे शिक्षा माफियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए, मात्र फाइन लगाना समाधान नहीं है उन्होने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि जल्द से जल्द इस शिक्षण संस्थान पर कार्यवाही की जाए तथा मामले में संलिप्त दोषियों को गिरफ्तार किया जाए और हेरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट की मान्यता रद्द की जाए। अन्यथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आम छात्रों को लामबंद करते हुए अपने इस आंदोलन को और भी उग्र रूप देगी।
जारीकर्ता
विक्रांत चौहान
प्रान्त सह मंत्री
ABVP हिमाचल प्रदेश।
8988572925