हिमाचल में प्रवासी और निवासी जल परियों का निवास बढ़ता जा रहा है

--Advertisement--

नूरपुर, देवांश राजपूत

वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि इस वर्ष के दौरान आयोजित वार्षिक जल पक्षी गणना के परिणामों से पता चलता है कि की प्रभावी और समय पर हस्तक्षेप के कारण राज्य में प्रवासी और निवासी जल पक्षियों के आवास में धीरे-धीरे सुधार हुआ है उन्होंने कहा कि पोंग डैम झील वन्य जीव अभयारण्य में वार्षिक जल पक्षी गणना फरवरी 2021 में पहली बार आयोजित की गई थी और यह अभ्यास संयमित परिस्थितियों में पोंग डैम झील में प्रचलित एवं एवियन इनफ्लुएंजा के प्रकोप के साथ साथ हैं ।

कोविड-19 महामारी के कारण किया गया था जल निर्भर पक्षियों की गिनती के लिए अभयारण्य के 26 खंडों में 57 कर्मचारियों को को तैनात करके हिमाचल प्रदेश के वन्य जीव विंग द्वारा अभ्यास आयोजित किया गया था इस वर्ष के दौरान 96 प्रजातियों के कुल101,578 पक्षी गिने गए। कुल संख्या में से, पानी पर निर्भर प्रवासी पक्षी 51 प्रजातियों में से 101,431 हैं और पानी पर निर्भर रहने वाले पक्षी 29 प्रजातियों के 6,433 हैं। 16 अन्य प्रजातियों के पक्षियों के रिकॉर्ड भी दर्ज किए गए। प्रमुख प्रजातियों की कुल आबादी, बार-हेडेड गीज़, 40,570 है।

इस वर्ष के दौरान जिन अन्य प्रजातियों की आबादी अधिक है, वे हैं यूरेशियन कोट (24,163), उत्तरी पिंटेल (12,702), कॉमन टील (8,444), लिटिल कॉर्मोरेंट (3,649), ग्रेट कॉर्मोरेंट (3,410), ग्रे लैग गूज (2,297), उत्तरी। फावड़ा (2,275) और कॉमन पोचर्ड (2,138)। जिन प्रजातियों पर ध्यान देने योग्य उल्लेख पाया गया है वे हैं- रेड नेक्ड ग्रीब, ग्रेट बिटर्न, लेसर व्हाइट-फ्रंटेड गूज़, रेड क्रेस्टेड पोचर्ड, फेरुगिनस पॉचर्ड, पाइड एवोकेट, नॉर्दर्न लैपविंग, पेरेसिन फाल्कन आदि। काउंटिंग एक्सरसाइज के दौरान एक बार हेडेड गोज़ और एक ग्रे लैग लैग। कॉलर के साथ हंस भी देखा गया।

राकेश पठानिया ने निर्धारित समय के अनुसार पौंग बांध वन्यजीव अभयारण्य में वार्षिक पक्षी गणना अभ्यास पूरा करने के लिए वन विभाग के वन्यजीव विंग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष वन्यजीव अभयारण्य में एवियन इन्फ्लुएंजा के प्रकोप को देखते हुए वार्षिक पक्षी गणना व्यायाम महत्व रखता है। उन्होंने वन्यजीव अभयारण्य को नियंत्रित करने और एवियन इन्फ्लुएंजा के प्रकोप को रोकने के लिए वन्यजीव विंग द्वारा समय पर और प्रभावी रोकथाम उपायों पर संतोष व्यक्त किया।

पीसीसीएफ (वन्यजीव) अर्चना शर्मा और सीसीएफ वन्यजीव (उत्तर) धर्मशाला उपासना पटियाल ने भी भाग लिया और वार्षिक वाटर बर्ड काउंट की देखरेख की। पक्षियों की कुल जनसंख्या और साथ ही इस साल गिने जाने वाले प्रजातियों की संख्या पिछले साल की तुलना में मामूली कम है, शायद एवियन इन्फ्लुएंजा के प्रकोप के प्रभाव के कारण जो पहली बार 28 दिसंबर 2020 को रिपोर्ट किया गया था। हालांकि पानी की पक्षियों की कुल आबादी में गिरावट आई एवियन इन्फ्लुएंजा का प्रकोप चरम पर है, लेकिन पौंग डैम झील में निरंतर जारी रहने के उपायों के परिणामस्वरूप पक्षियों की कुल आबादी में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है।

--Advertisement--
--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

सड़क दुर्घटना के घायलों का होगा डेढ़ लाख तक कैशलैस इलाज

सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने स्वास्थ्य विभाग...

वर्षा में भी बिना रुके कार्य कर रहे विद्युत कर्मचारी

हिमखबर डेस्क आपदा प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति को शीघ्र...