हिमखबर डेस्क
आज पांच नवंबर को पूर्णिमा अवसर पर अंतरिक्ष में एक अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। आज चंद्रमा अपने पूरे शबाब पर होगा। जो भी इस अद्धुत नजारे को देखेगा बस देखता रह जाएगा। आज आपको चांद अन्य दिनों के मुकाबले 14% बड़ा और 30% अधिक चमकीला दिखाई देगा। इसके पीछे की वजह है चांद और पृथ्वी के बीच की दूरी, जो आज के दिन काफी कम होगी।
यह 2025 का सबसे नजदीकी सुपरमून होने वाला है। अंतरिक्ष में होने वाले इस अद्धभुत नजारे को बीवर मून भी कहते हैं। आज का ये सुपरमून भारत में शाम 6:30 बजे के करीब दिखाई देगा। इसके लिए बादलों का साफ होना जरूरी है। अगर धुंध वगैरह नहीं रहेगी तो इसे नंगी आंखों से देखा जा सकता है। अगर आप एक अद्भुत खगोलीय घटना को देखना चाहते हैं तो आज शाम के लिए तैयार रहिए।
क्यों पड़ा इसका नाम बीवर मून?
दरअसल, नवंबर में उत्तरी अमरीका में बीवर यानी ऊदबिलाव आने वाले ठंडे महीनों के लिए अपने बिल तैयार करते हैं। इस समय वे अपने लिए खाना इकट्ठा करते हैं और उसे अपने बिलों में भर लेते हैं। बीवर के लिए भोजन इकट्ठा करने का यह आखिरी मौका होता है। क्योंकि इसके बाद वहां ठंड बढ़ जाती है। इसलिए बीवर मून का वहां खास महत्व हो जाता है।
इसे “फ्रॉस्ट मून” और “डियर रटिंग मून” भी कहा जाता है। इसी समय उत्तरी अमरीका, खासकर उत्तरपूर्वी क्षेत्र में ठंड और बर्फबारी शुरू हो जाती है। आज यह शानदार नजारा आसमान में दिखाई देने वाला है। चांद की पृथ्वी के चारों ओर घूमने की कक्षा, जिसे ऑर्बिट भी कहते हैं, पूरी तरह गोल नहीं होती। यह अंडाकार होती है।
इसी वजह से कभी-कभी चांद पृथ्वी के काफी करीब आ जाता है और कई बार दूर चला जाता है। चांद जब अपने सबसे नजदीकी बिंदु पर होता है तो ज्यादा बड़ा दिखाई देता है जिसे सुपरमून कह देते हैं। आज दिखाई देने वाला चांद पृथ्वी से महज 3,57,000 किलोमीटर की दूरी पर रहेगा जो पूरे साल में सबसे कम दूरी है।
इसके अलावा नवंबर महीने में एक और खगोलिय घटना भी होने वाली है जिसमें धूमकेतु लेमन भी दिखाई देगा। इसकी चमक बहुत ज्यादा हो सकती है। यह बृहस्पति परिवार का सदस्य है जो दक्षिण पश्चिम आकाश में शनि से 20 डिग्री ऊपर दाएं और दिखाई दे सकता है। यह 5 साल 7 महीने में सूर्य की परिक्रमा पूरी करता है। नवंबर के अंत में पृथ्वी के करीब से गुजरता है और टेलिस्कोप की मदद से आसानी से देखा जा सकता है।

