सेंट्रल यूनिवर्सिटी देहरा से 9 साल का बच्चा गायब, 48 घंटे बाद भी नहीं मिला कोई सुराग

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देहरा – शिव गुलेरिया

हिमाचल प्रदेश के देहरागोपीपुर में निर्माणाधीन सेंट्रल यूनिवर्सिटी परिसर से दिहाड़ी पर निर्माणाधीन भवन में काम कर रहे एक दंपत्ति का 9 साल का एक बच्चा रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गया है। घटना के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी बच्चे का कोई सुराग नहीं मिल पाया है, जिससे कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गत बुधवार दोपहर का खाना खाने के बाद वह घर से बाहर खेलने गया था कि अभी तक लौटा नहीं है। माना जा रहा है कि वह हम उम्र के बच्चों के साथ खड्ड में नहाने गया था। लापता बच्चे के पिता परिषम कुमार, जो कि मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, ने बताया कि बुधवार को जब वह अपनी ड्यूटी पूरी कर शाम पांच बजे अपने क्वार्टर लौटे, तो उनका बेटा वहां नहीं था।

मां नीलम देवी के अनुसार अमिश ने बुधवार दोपहर को खाना खाया था और उसके बाद से ही वह गायब है। मां का कहना है कि हमने उसे दोपहर में खाना खाते देखा था। जब काम से लौटे तो वह नहीं था। पता नहीं कहाँ चला गया है मेरा बच्चा। सब जगह ढूंढ लिया, कहीं नहीं मिल रहा।

घटना के बाद से ही निर्माणाधीन यूनिवर्सिटी में काम करने वाले उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों के करीब अढ़ाई हजार से अधिक मजदूर अपने स्तर पर बच्चे की तलाश में जुटे हुए हैं। उन्होंने आसपास के हर गड्ढे, नाले और जंगल की खाक छान मारी है, लेकिन अमिश का कोई पता नहीं चल सका है। पुलिस ने भी गुरुवार को मिली शिकायत के आधार पर विभिन्न टीमें गठित कर बच्चे को ढूंढने के प्रयास हो रहे हैं।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार अमिश एक अन्य बच्चे के साथ पास के ही एक नाले में नहाने गया था। दोनों बच्चों की उम्र दस से बारह साल के बीच बताई जा रही है। उसके साथ गया बच्चा तो वापस लौट आया, लेकिन अमिश घर नहीं पहुंचा, जबकि पुलिस हर पहलू को ध्यान में रख जांच में जुटी है।

इस बाबत यहां काम करने वाली लेबर भी बच्चे को तलाश कर रही है। एक मजदूर ने कहा कि बुधवार शाम से हम सब लोग परेशान हैं। दो रातों से उसे ढूंढ रहे है, जंगल में, नालों में, हर जगह देखा है। यूनिवर्सिटी के अंदर से बच्चा कैसे गायब हो सकता है, यही समझ नहीं आ रहा, जबकि यहां से निकलने वाला रास्ता मेन गेट है या फिर जंगल का रास्ता है।

अनसुलझे सवालों ने लिया जन्म

मामले की सूचना मिलने के बाद गुरुवार देर शाम पुलिस भी हरकत में आई और तुरंत जांच शुरू कर दी। पुलिस की टीमें हर पहलू से मामले की जांच कर रही हैं और बच्चे के लापता होने के पीछे की सच्चाई का पता लगाने में जुट गई हैं, लेकिन 48 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी बच्चे का न मिलना, कई अनसुलझे सवालों को जन्म दे रहा है।

आखिर निर्माणाधीन सेंट्रल यूनिवर्सिटी जैसे सुरक्षित माने जाने वाले परिसर से एक बच्चा कहाँ और कैसे गायब हो सकता है? यह एक बेहद गंभीर मामला है। एक सुरक्षित परिसर से बच्चे का इस तरह गायब हो जाना सीयू के बिल्डिंग प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। हम उम्मीद करते हैं कि पुलिस जल्द से जल्द बच्चे को सकुशल ढूंढ निकालेगी।

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