शिमला – नितिश पठानियां
पहाड़ी प्रदेश हिमाचल प्रदेश में बिहार से आकर काम करने वाले लोगों की बड़ी संख्या है। बिहार में इन दिनों चुनाव की प्रक्रिया के लिए मतदाता सूची की एसआईआर यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन चल रही है। ऐसे में हिमाचल में अस्थाई तौर पर रहकर काम करने वाले बिहार वासियों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से एक जरूरी खबर है। ऐसे लोग एसआईआर के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में 25 जुलाई तक गणना प्रपत्र यानी काउंटिंग पेपर जमा कर सकते हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान में अस्थायी रूप से हिमाचल प्रदेश में रह रहे बिहार के निर्वाचक https://voters.eci.gov.in vFkok ECINET App के माध्यम से ऑनलाइन गणना प्रपत्र खुद भी भर सकते हैं। प्रवक्ता के अनुसार पूर्व में भरे गए प्रपत्र डाउनलोड कर उनकी हस्ताक्षरित प्रति को व्हाट्सएप, ईमेल या अन्य माध्यम से संबंधित बीएलओ को भेजा जा सकता है।
इसके साथ ही निर्वाचक परिवार के सदस्य के माध्यम से भी प्रपत्र को बीएलओ को भेज सकते हैं या प्रेषित कर सकते हैं।राज्य निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि प्रारूप निर्वाचक नामावली पहली अगस्त को प्रकाशित की जाएगी। साथ ही दावे व आपत्तियों की अवधि पहली अगस्त से पहली सितम्बर तक निर्धारित की गई है।
निर्वाचक को गणना प्रपत्र के साथ निर्धारित 11 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज साथ लगाना जरूरी है। इनमें किसी केंद्रीय अथवा राज्य सरकार अथवा पीएसयू के नियमित कर्मचारी अथवा पेंशन धारक को जारी पहचान-पत्र या पीपीओ, एक जुलाई, 1987 से पूर्व देश में किसी सरकारी अथवा स्थानीय निकाय, बैंक, डाकघर, एलआईसी अथवा पीएसयू की तरफ से जारी कोई दस्तावेज, सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट, मान्यता प्राप्त बोर्ड या यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी शैक्षणिक प्रमाणपत्र, सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाण-पत्र, वन अधिकार पत्र, सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण-पत्र, नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर, राज्य अथवा स्थानीय प्राधिकारी द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर और सरकार द्वारा जारी भूमि अथवा मकान आवंटन प्रमाण-पत्र शामिल हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि इन दस्तावेजों में से कोई एक भी गणना प्रपत्र के साथ संलग्न किया जा सकता है। इससे निर्वाचक पदाधिकारी को नाम जोड़ने की प्रक्रिया में सुविधा होगी। यदि दस्तावेज तत्काल उपलब्ध नहीं है तो उन्हें बाद में 25 जुलाई, 2025 तक या फिर दावा आपत्ति अवधि में भी प्रस्तुत किए जा सकते हैं। प्रारूप मतदाता सूची में मतदाता का नाम सम्मिलित करने के लिए गणना प्रपत्र 25 जुलाई 2025 तक उपलब्ध करवाना आवश्यक है।
मतदाता यदि चाहें तो वेबसाइट https://voters.eci.gov.in अथवा ECINET App के माध्यम से अपने आवेदन की स्थिति की जांच कर भी सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने अस्थाई रूप से हिमाचल में रह रहे बिहार निवासियों से इसका लाभ उठाने की अपील की है। बिहार में यह SIR प्रक्रिया मृत, डुप्लिकेट या शिफ्टेड वोटर्स की पहचान के लिए हो रही है। आयोग का कहना है कि नकली मतदाताओं को हटाना उनकी संविधानिक जिम्मेदारी है।