हिमखबर डेस्क
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) का दौरा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री आईएएफ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शक्ला अपने चालक दल के साथ अंतरिक्ष मिशन से वापस लौटने प्रक्रिया में है। 18 दिनों तक अंतरिक्ष में बिताने के बाद वे अब धरती पर लौटने की तैयार में जुटे हैं।
एनएनआई की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार शाम 4:35 बजे उनके स्पेसक्राफ्ट की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से अनडॉकिंग होगी। रिपोर्ट के अनुसार अगले दिन मंगलवार दोपहर 3:00 बजे अमेरिका के कैलिफोर्निया के निकट प्रशांत महासागर में ये स्पेसक्राफ्ट उतरेगा। शुक्ला कई तरह के प्रयोग और अध्ययन के लिए एक्सिओम मिशन 4 (एक्स -4) पर अपने चालक दल के साथ गए थे।
चालक दल को आईएसएस से लगभग 4:35 बजे अनडॉक किया जाएगा। इसके 15 जुलाई मंगलवार को लगभग 3 बजे आईएसटी पर कैलिफोर्निया के तट से दूर प्रशांत महासागर में उतरने की संभावना है। ड्रैगन अंतरिक्ष यान से लौटने में करीब 22 घंटे लगेंगे। इससे आईएसएस पर उनका लगभग 18-दिवसीय मिशन पूरा हो जाएगा।
एक्स-4 चालक दल में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कमांडर पैगी व्हिटसन, पायलट शुभांशु शुक्ला, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) परियोजना के पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री स्लावोस्ज ‘सुवे’ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और एचयूएनओआर (हंगेरियन टू ऑर्बिट) अंतरिक्ष यात्री टिबोर कापू शामिल हैं।
अपने प्रवास के दौरान टीम ने परिक्रमा कर रही प्रयोगशाला में कई वैज्ञानिक प्रयोग और आउटरीच गतिविधियां की। नासा के एक्सपेडिशन 73 के चालक दल के साथ एक लाइव विदाई समारोह आज सुबह 08:55 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 7:25 बजे) होना तय था। एक्स पर एक पोस्ट में एक्सिओम स्पेस ने कहा, ‘एक्स4 का चालक दल जल्द ही आईएसएस पर अपना मिशन पूरा करेगा।
ये स्पेसक्राफ्ट 580 पाउंड से अधिक सामान लेकर लौटेगा। इसमें नासा हार्डवेयर और मिशन के दौरान किए गए 60 से अधिक प्रयोगों का डेटा शामिल होगा। ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अपनी टीम के साथ मिलकर माइक्रोग्रैविटी में उनकी सटीकता का आकलन करने के लिए सतत ग्लूकोज मॉनिटर (सीजीएम) का परीक्षण किया। ये सुइट राइड पहल के एक भाग के रूप में डायबिटिकों के अंतरिक्ष उड़ान में भाग लेने में सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उड़ान के 18वें दिन के अन्य अध्ययनों में वॉयेजर डिस्प्ले जिसमें आंखों की गति और कॉर्डिनेशन की जांच की गई। इसके अलावा एनपरचर जिसमें सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में अंतरिक्ष यात्री की धारणा का पता लगाया गया। न्यूरोमोशन वी.आर. अध्ययन में ध्यान और मोटर कौशल का मूल्यांकन किया गया, जबकि सूट फैब्रिक अध्ययन में ऊष्मा स्थानांतरण, स्पेससूट डिजाइन और स्थलीय अनुप्रयोगों पर प्रभाव संबंधी डेटा एकत्र किया गया।
टीम ने एस्ट्रोमेंटलहेल्थ और ईईजी न्यूरोफीडबैक परियोजनाओं पर भी काम किया जो क्रमशः मानसिक स्वास्थ्य और तनाव कम करने पर केंद्रित थी। एक्सिओम मिशन 4 को 25 जून को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से प्रक्षेपित किया गया।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के बोल
विदाई समारोह के दौरान, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा, ‘मेरे देशवासियों के लिए हिंदी में कुछ शब्द “मेरे लिए यह एक अद्भुत यात्रा रही है। यह यात्रा समाप्त होने वाली है, लेकिन आपकी और मेरी यात्रा अभी बहुत लंबी है। हमारे मानव अंतरिक्ष मिशन की यात्रा बहुत लंबी और कठिन भी है लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि अगर हम ठान लें, तो तारे भी प्राप्त किए जा सकते हैं।
इकतालीस साल पहले, एक भारतीय अंतरिक्ष में गया था और उसने हमें बताया कि ऊपर से भारत कैसा दिखता है। हम सभी जानना चाहते हैं कि आज का भारत कैसा दिखता है। मैं आपको बताता हूँ कि आज का भारत अंतरिक्ष से महत्वाकांक्षी दिखता है। आज का भारत निडर दिखता है। आज का भारत आत्मविश्वास से भरा दिखता है। आज का भारत गर्व से भरा है। जल्द ही धरती पर मिलते हैं।’