नेता प्रतिपक्ष जयराम बोले, गलत फैसले ले रही प्रदेश सरकार।
शिमला – नितिश पठानियां
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के निगमों का नुकसान कर रही है। प्रदेश सरकार नीलामी में बच गए शराब के ठेकों को जबरन प्रदेश के विभिन्न निगमों के द्वारा संचालित करवा रही है।
इसकी वजह से पहले से ही आर्थिक संकटों का सामना कर रहे निगम और घाटे में जा रहे हैं। एक तरफ बाकी सारे काम रोककर शराब बेचने से जहां निगमों द्वारा किया जाने वाला जनहित का कार्य प्रभावित हो रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ हर दिन निगमों को लाखों रुपए की आर्थिक चपत लग रही है।
अगर नगर निगम शिमला और हिमफेड की ही बात करें, तो मात्र 65 दिन में ही यह दोनों 10 करोड रुपए के कर्जदार बन गए हैं। मई और जून महीने की लाइसेंस फीस के ही उनके ऊपर 9.99 करोड़ रुपए की देनदारियां हो गई हैं।
आबकारी विभाग ने इन दोनों को लाइसेंस फीस नहीं देने के कारण रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इन्हें नोटिस भी जारी कर दिया है।
अगर समय पर निगमों ने लाइसेंस फीस नहीं चुकाई, तो उन्हें ब्याज के साथ यह फीस चुकानी पड़ेगी, जिसका सीधा असर इनकी कार्यप्रणाली पर होगा।
सरकार नगर निगम समेत अन्य निगमों के ऊपर अपना फैसला थोप कर न सिर्फ उन्हें घाटे में डाल रही है, बल्कि आम आदमियों के हित से जुड़े काम भी रोक रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जब सरकार ने नीलामी से रह गए ठेकों के संचालन की जिम्मेदारी विभिन्न निगमों को दी, तो सभी निगमों की तरफ से इसका पुरजोर विरोध किया गया, लेकिन तमाम विरोध के बावजूद निगमों को शराब के ठेकों का संचालन करना पड़ा।
आज सरकार की जिद के चलते शहरी क्षेत्र में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्रों में एचपीएमसी हिमफेड और वन निगम को शराब के ठेके चलाने पड़ रहे हैं। इस वजह से उनके अपने काम प्रभावित हो रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि स्थानीय लोगों के दबाव के कारण परवाणू और कालाअंब में अवैध शराब बनाने वाली फैक्टरी पर छापा तो पड़ा, लेकिन उन पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी।

