शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत से जुड़ा मामला अब और पेचीदा होता जा रहा है। इस मामले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शिमला पुलिस ने एएसआई पंकज को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि उसने मृतक चीफ इंजीनियर के शव से बरामद पेन ड्राइव को छिपाने की कोशिश की।
विभाग ने एएसआई के खिलाफ आंतरिक जांच के आदेश भी दे दिए हैं। शिमला के एसपी संजीव गांधी ने कहा है कि पुलिसकर्मी की भूमिका में लापरवाही सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है। एसपी शिमला ने अदालत में यह दलील दी कि चूंकि विमल नेगी का शव बिलासपुर जिले की गोबिंद सागर झील से बरामद हुआ था। इसलिए प्रारंभिक कार्रवाई शिमला पुलिस के अधिकार क्षेत्र में नहीं थी। पोस्टमार्टम भी बिलासपुर में ही हुआ, जिससे शिमला पुलिस की शुरुआती जांच सीमित रही।
बता दें कि 21 मई को डीजीपी की ओर से हाईकोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट में शिमला पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल खड़े किए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया कि विशेष जांच दल मामले को आत्महत्या के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है, जबकि तकनीकी साक्ष्य और पेन ड्राइव में मौजूद दस्तावेज इस दिशा में संकेत नहीं देते। डीजीपी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ऊना स्थित पेखूबेला प्रोजेक्ट से जुड़े दस्तावेज पेन ड्राइव में सीमित मात्रा में ही पाए गए है जो शक को और गहराता है।
गौरतलब है कि 10 मार्च को विमल नेगी शिमला से रहस्यमयी ढंग से लापता हो गए थे और करीब एक सप्ताह बाद 18 मार्च को उनका शव गोबिंद सागर झील से मिला। शव के पास से एक पेन ड्राइव भी बरामद की गई थी, जिसे बाद में कथित रूप से छिपा लिया गया।
इस बीच मामले में एक और बड़ा मोड़ तब आया जब हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने आज ही चीफ इंजीनियर की मौत की जांच सीबीआई (CBI) को सौंपने का आदेश दिया। यह आदेश विमल नेगी की पत्नी द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया गया।