इंश्योरेंस मोड पर चलेगी हिम केयर

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कैबिनेट सब-कमेटी ने की महत्त्वपूर्ण सिफारिश, प्रीमियम पर लिया जाएगा फैसला।

शिमला – नितिश पठानियां 

हिमाचल में पूर्व भाजपा सरकार की कैशलेस हेल्थ कवर वाली हिम केयर योजना को अब इंश्योरेंस मोड पर चलाया जा सकता है। यह योजना अब स्टेट फंड के बजाय हेल्थ बीमा की तरह किसी बीमा कंपनी के माध्यम से चलेगी।

यह सिफारिश कैबिनेट सब-कमेटी ने राज्य सरकार को की है। इस योजना के लंबित भुगतान और स्कीम की खामियों को देखते हुए कैबिनेट सब कमेटी को यह सुझाव अफसरों ने दिया था। अब राज्य सरकार को इस बारे में फैसला लेना है।

पिछले महीने तक हिम केयर में कुल लंबित भुगतान करीब 400 करोड़ से ज्यादा था, जबकि आयुष्मान भारत स्कीम में भी 100 करोड़ से ज्यादा पेंडेंसी चल रही थी। इन दोनों योजनाओं में हिमाचल में 39 लाख की आबादी कवर्ड है।

दोनों ही योजनाओं में प्रति परिवार साल में पांच लाख तक का मुफ्त इलाज है। हिमाचल में 292 पैनलबद्ध अस्पतालों में यह इलाज मिलता है। इनमें से 146 प्राइवेट अस्पताल हैं।

पिछले साल तक इन दोनों योजनाओं में 10.33 लाख क्लेम सेटल किए जा चुके हैं, जिन पर 1223 करोड़ का खर्चा हुआ है। इसके बाद राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों में सिलेक्टिव सर्जरी और अन्य इलाज रोक दिया था और सिर्फ डायलिसिस को ही अनुमति दी है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में हिम केयर योजना पर एक कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में भी अधिकारियों ने तर्क दिया कि स्टेट फंड से इस योजना को चलाना मुश्किल है, क्योंकि खामियां दूर नहीं हुई हैं।

यदि बीमा कंपनी के माध्यम से योजना को चलाया जाए, तो स्क्रीनिंग करना बीमा कंपनी का काम हो जाएगा। इसके लिए प्रीमियम सरकार देगी या लोगों को खुद देना होगा, इस पर फैसला अभी होना है।

कैबिनेट सब-कमेटी ने रिसोर्स मोबिलाइजेशन रिपोर्ट के माध्यम से राज्य सरकार को सिफारिश कर दी है कि हिम केयर को बीमा मोड पर कन्वर्ट कर दिया जाए।

कैबिनेट सब-कमेटी में आयुष्मान भारत योजना पर भी चर्चा हुई है। इसमें बताया गया है कि केंद्र सरकार इस योजना में भी 45 या 50 करोड़ से ज्यादा पैसा सालाना नहीं देती, जबकि राज्य का ज्यादा धन खर्च हो रहा है।

आयुष्मान में हिमाचल अब तक 2.60 लाख मरीजों को करीब 330 करोड़ रुपए का फ्री इलाज दे चुका है। इस योजना में राज्य सरकार की हिस्सेदारी वैसे सिर्फ 10 फ़ीसदी है।

अब भारत सरकार ने 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को इस योजना में डाल दिया है। इसलिए करीब 80000 बुजुर्ग हिम केयर से आयुष्मान में शिफ्ट हो रहे हैं।

विधानसभा में यह कहा था हिमाचल सरकार ने

विधानसभा के बजट सत्र में राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि हिमकेयर योजना बंद नहीं है। पूर्व सरकार ने हिमकेयर में 350 करोड़ की देनदारी निजी अस्पतालों पर लुटाई है।

निजी अस्पतालों में हिम केयर को पंजीकृत करवाया और एक साल में छह-छह करोड़ के बिल बन गए। राज्य सरकार अब तक 306 करोड़ रुपए मरीजों को इस योजना में दिए हैं।

अब इसमें सुधार किया जा रहा है, जिसके बारे में कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की सिफारिशों पर सरकार आगे बढ़ेगी।

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