हिमखबर डेस्क
बदलती जीवनशैली और खानपान के कारण जिले में किडनी के रोगी बढ़ रहे हैं। साथ ही अनियंत्रित ब्लड प्रेशर (बीपी) और मधुमेह (शुगर) लोगों की किडनियों पर खासा प्रभाव डाल रहे हैं। साथ ही पेन किलर का अधिक मात्रा में सेवन और डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयों का सेवन किडनी पर असर डाल रहा है।
प्रदेश के दूसरे बड़े टांडा मेडिकल कॉलेज के नेफ्रोलॉजी विभाग की ओपीडी में रोजाना किडनी से जुड़ी समस्या को लेकर 200 से 250 लोग पहुंच रहे हैं। हर माह टांडा मेडिकल कॉलेज में 1,200 के करीब मरीजों का डायलिसिस भी हो रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार आज के दौर में बाहर का खाना और फास्ट फूड लोगों के आहार का हिस्सा बन गए हैं। स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम, जैसे योग, किडनी की सेहत को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
साथ ही, किडनी को स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टरी सलाह का पालन करना और दवाइयों का सही तरीके से सेवन करना भी जरूरी है। अधिक मात्रा में नमक का सेवन भी बीपी को बढ़ाने का काम करता है।
इस वजह से भी किडनी रोग की समस्या बढ़ रही है। इसके अलावा जिम जाने वाले युवा जो सप्लीमेंट का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं वे भी किडनी रोग से ग्रसित हो रहे हैं।
डॉ. अभिनव राणा, असिस्टेंट प्रोफेसर, नेफ्रोलॉजी विभाग, टांडा मेडिकल कॉलेज के बोल
जिन लोगों को किडनी की समस्या, उनको समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी चाहिए और लोगों कम नमक का प्रयोग करना चाहिए। खासकर बीपी, शुगर के मरीजों को नमक की कम मात्रा खाना चाहिए।
युवाओं को जंक फूड का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर किसी को लगता है कि उन्हें किडनी की समस्या है तो तुरंत संबंधित डॉक्टर को दिखाएं और बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवाई न खाएं।
डॉ. कविता ठाकुर, एमडी मेडिसिन एवं बीएमओ शाहपुर के बोल
पेन किलर दवाइयों के अधिक सेवन से भी लोगों की किडनियां खराब हो रही हैं। इसके अलावा बिना डॉक्टर की सलाह से ली जा रही अन्य दवाइयां भी किडनी पर असर डालती हैं। अनियंत्रित ब्लड प्रेशर और शुगर भी किडनी डैमेज का प्रमुख कारण है।
अगर किडनी को ठीक रखना है तो बीपी और शुगर की दवाइयां समय पर लेते रहें। बिना डाॅक्टर की सलाह के कोई दवाइयां न खाएं।
बाहर के खाने से परहेज करें और साथ में योग पर भी ध्यान दें। अगर कोई बीपी-शुगर की दवाई खा रहे हैं तो उस कोर्स को पूरा करें, बीच में दवाइयां न छोड़ें।