ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को मिला संबल, महिला सशक्तिकरण की राह प्रशस्त कर रहा मनरेगा, ग्रामीण आर्थिकी हो रही सुदृढ़
मंडी – अजय सूर्या
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। मनरेगा कामगारों को इसके माध्यम से जहां घर-द्वार पर रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं, वहीं उनकी आर्थिकी भी सुदृढ़ हो रही है। पुरूषों के मुकाबले महिलाएं बढ-चढ़ कर मनरेगा कार्य कर अपने परिवार का पालन-पोषण में योगदान दे रही हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के आत्मनिर्भर हिमाचल के संकल्प से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक संबल मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने इस वर्ष सुखमय बजट पेश करते हुए मनरेगा दिहाड़ी 240 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये की है, जो हिमाचल के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है।
इस वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में गति मिल रही है। सरकार के इस कदम से मंडी जिला में ही डेढ़ लाख से अधिक ग्रामीण महिलाओं को सीधा लाभ पहुंचा है, जबकि दो लाख 42 हजार से अधिक मनरेगा कामगार इससे लाभान्वित हुए हैं।
जिला में मनरेगा के तहत अब तक 280 करोड़ रुपये व्यय
जिला मंडी में अब तक मनरेगा के तहत 280 करोड़ 52 लाख रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है। बालीचौकी विकास खंड में सबसे अधिक 33 लाख 16 हजार, गोहर विकास खंड में 30 लाख 55 हजार, धर्मपुर विकास खंड में 30 लाख 50 हजार, मंडी सदर में 29 लाख 53 हजार तथा सराज विकास खंड में 29 लाख 14 हजार रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है।
जिला में 75 लाख 48 हजार कार्य दिवस अर्जित
जिला में इस वर्ष अभी तक कुल 75 लाख 48 हजार 678 कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं, जिनमें से महिलाओं द्वारा 52 लाख 70 हजार 545 कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं। जिला में 2 लाख 42 हजार 908 लोगों ने मनरेगा के माध्यम से रोजगार की मांग की, जिनमें से 2 लाख 42 लाख 868 लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है।
लोगों ने जताया प्रदेश सरकार का आभार
विकास खंड सदर की ग्राम पंचायत डवाहण के गांव कलोथर की कौशल्या देवी ने बताया कि वह मनरेगा में कार्य करती है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने इस वर्ष मनरेगा की दिहाड़ी 240 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये कर दी है। आमदनी बढ़ने से अब वह अपने परिवार का पालन-पोषण और अच्छी तरह से करने में सक्षम हुई हैं। उसकी आर्थिकी भी सुदृढ़ हुई है। इसके लिए वह मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए उनका आभार व्यक्त कर रही है।
ग्राम पंचायत गोहर के निवासी मोहन लाल कहते हैं कि कोविड काल में उनकी नौकरी छूट गई थी। वह घर आ गए और उसके बाद मनरेगा से ही अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। इस वर्ष मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने मनरेगा की दिहाड़ी में 60 रुपये प्रतिदिन की वृद्धि की है जो एक सराहनीय कदम है। इसके लिए वह उनका धन्यवाद करते हैं।
गोहर विकास खंड के गोहर की रहने वाली शुद्धि देवी, ग्राम पंचायत भरगांव के लोहारड़ गांव की अनिता, ग्राम पंचायत डवाहण के कलोथर की मैना देवी, द्रंग विकास खंड के गांव बसेहड़ की गुड्डी देवी, पधर की कविता व रेखा, करसोग की प्रोमिला, ममेल की आशा व जोगेंद्रनगर की सुनिता इत्यादि ने भी एकमुश्त इतनी दिहाड़ी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मनरेगा के तहत मंडी जिला में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मांग के अनुरूप रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिला में अब तक लगभग 280 करोड़ रुपये की राशि व्यय कर 75 लाख 48 हजार कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं।