सीएम ने अवैध खनन व मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की दी चेतावनी
शिमला – नितिश पठानियां
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को डीसी-एसपी सम्मेलन के दूसरे दिन आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों को मादक पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध खनन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए स्थानीय लोगों को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दे रही है। इसके साथ ही मादक पदार्थों के दुरुपयोग पर नियंत्रण के लिए आईजी स्तर के एक विशेष विंग के गठन पर भी विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों (डीसी) को उपमंडल स्तर पर राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं की समीक्षा करने और 31 दिसंबर 2024 तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। राज्य सरकार ने अधिकारियों के वार्षिक मूल्यांकन के लिए अब प्रदर्शन-आधारित संख्यात्मक ग्रेडिंग प्रणाली को अपनाया है, जो पिछली वर्णनात्मक ग्रेडिंग प्रणाली से अलग है।
सुक्खू ने अधिकारियों से एफसीए क्लीयरेंस मामलों में देरी को तत्काल समाप्त करने को कहा और किसी भी देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। हिमाचल प्रदेश दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हरित पंचायतों की स्थापना की पहल के तहत उपायुक्तों को सौर परियोजनाओं के लिए उपयुक्त भूमि की शीघ्र पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से 6,000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में गोद लिए जाने की जानकारी दी और सभी उपायुक्तों से आग्रह किया कि वे इन बच्चों को मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत अधिकतम लाभ प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ने बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए उपायुक्तों को जिला मुख्यालयों पर गोशालाओं के निर्माण के लिए भूमि की पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लावारिस पशु सड़कों पर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं और किसानों के लिए भी बड़ी समस्याएं उत्पन्न करते हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने और राज्य में हरित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की।
सम्मेलन के दौरान सात जिलों के डीसी और एसपी ने अपने-अपने जिलों में विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं की प्रगति और उपलब्धियों पर विस्तृत जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री के साथ इस सम्मेलन में राज्य के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा, और विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारियों ने भी भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन, जल विद्युत, डेटा भंडारण और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में हरित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ प्रतिबद्ध है।