मंडी – अजय सूर्या
पंडोह के साथ लगते डयोड के समीप निर्माणाधीन टनल के ऊपर धंसे हिस्से के बाद बने गड्ढे को भरने के लिए अभी तक पत्थर के 60 टिप्पर और कंक्रीट के 15 टीएम (ट्रांजिट मिक्सर) डाले जा चुके हैं लेकिन अभी भी गड्ढा भर नहीं पाया है। 19 सितंबर की शाम से शाहपुरजी-पलौनजी कंपनी ने इस गड्ढे को भरने का काम शुरू कर दिया था। हालांकि रात को यहां काम कर पाना संभव नहीं, इसलिए सिर्फ दिन-दिन में काम किया जा रहा है।
शाहपुरजी-पलौनजी कंपनी के टीम लीडर आदर्श पन्होत्रा ने बताया कि जमीन धंसने के बाद बने गढ्डे को भरने का कार्य लगातार जारी है। क्योंकि यहां के लिए जाने वाली सड़क संकरी है जिस कारण बड़े टिप्पर नहीं भेजे जा सकते। छोटे टिप्परों पर सामग्री लोढ़ करके मौके पर भेजा जा रहा है। अभी तक 60 के करीब टिप्पर पत्थरों के इस गड्ढे में डाले जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि इस कार्य को पूरा करने में करीब एक सप्ताह का समय लग सकता है। काफी हद तक गड्ढे को भर दिया गया है और अब यहां फेंका जा रहा मटेरियल भी नजर आ रहा है। उम्मीद यही है कि जितना मटेरियल इस्तेमाल किया जा चुका है उतना ही सामग्री और इस गड्ढे को भरने में लगेगा। कार्य लगातार जारी है और प्रयास यही है कि इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
डयोड में निर्माणाधीन टनल के ऊपर जमीन धंसने से बना है यह गड्ढा
बता दें कि पंडोह के साथ लगते डयोड के पास फोरलेन निर्माण के लिए बनाई जा रही टनल के ठीक ऊपर यह गढ्डा बीती 18 सितंबर को बना हुआ है। गढ्डे का आकार लगातार बढ़ता जा रहा है जिसके चलते यहां पूरे गांव पर खतरा मंडरा गया है।
सरकारी स्कूल सहित 8 परिवारों ने अपने घरों को खाली कर दिया है और वे किराए के मकानों में रहने के लिए चले गए हैं। लोगों के घरों और स्कूल में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं जिससे खतरे का अधिक अंदेशा बन गया है। स्थानीय लोगों ने कंपनी प्रबंधन से टनल निर्माण के कारण यहां धंस रही जमीन की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने की गुहार लगाई है।