गर्भवती महिलाओं की जान को ‘खतरा’

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मलाणा में सडक़ें-रास्ते बह जाने से परेशानी, प्रसव का समय नजदीक आने से हडक़ंप

कुल्लू – अजय सूर्या                                                                                          

मलाणा गांव आपदा के कहर से पिछले छह दिनों से पूरी तरह से अन्य क्षेत्रों से कट गया है। सडक़ें व बिजली बंद होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब मलाणा के लोग सरकार व प्रशासन से हेलिकाप्टर से खासकर गर्भवती महिलाओं को यहां से अस्पताल ले जाने की मांग कर रहे हैं।

महिलाओं के प्रसव का समय नजदीक है। आशा वर्कर ने गर्भवती महिलाओं का आंकड़ा जुटा दिया है। गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने के लिए अभी कोई इंतजाम नहीं हो पाए हैं। मलाणा नाले में बादल फटने से सारे रास्ते व सडक़ें बह गई हैं।

मलाणा को जोडऩे के लिए एक मात्र चंद्रखणी ट्रैक रूट या रशोल की पहाडिय़ां ही बची है, लेकिन इन पहाडिय़ों से गभर्वती महिलाओं को लाना सुरक्षित नहीं है। मलाणा में कई मरीजों की दवाइयां भी खत्म हो गई है। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू, नेरचौक मेडिकल कालेज व पीजीआई में कई मरीजों को रूटीन चैकिंग के लिए जाना होता है ऐसे में उनकी दिक्कतें बढ़ गई है।

जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार के बोल

जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार 28 किलोमीटर चंद्रखणी ट्रैकिंग रूट से पैदल चलकर मलाणा गांव पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। लोगों ने बताया कि उनके गांव में 15 गर्भवती महिलाएं है।

जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार ने कहा कि वे चंद्रखणी ट्रैक होकर रविवार शाम मलाणा गांव पहुंच गए थे। उन्होंने मलाणा के लोगों की समस्या सुनीं। साथ में कुछ दवाइयां भी ले गए थे। वहीं, मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए डीजल भी टावर शुरू करने के लिए ले गए थे।

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