हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ने जमा दो कक्षा के पुनर्मूल्यांकन का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। इसमें जिला सिरमौर की एक मजदूर की बेटी ने मेरिट सूची में जगह बनाई है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक भाटगढ़ स्कूल की छात्रा वंदना देवी ने कला संकाय में 500 में से 485 अंक (97 प्रतिशत) अंक प्राप्त किए हैं। यह अंक बोर्ड की पहली मेरिट सूची में चौथे स्थान पर रहे विद्यार्थी तनु, चिंतन और भावना से अधिक हैं।
वंदना एक गरीब परिवार से संबंध रखती हैं। उनके पिता धनवीर ठाकुर मजदूरी करते हैं और आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने वंदना की शिक्षा का समर्थन किया।
विद्यालय के शिक्षकों का भी वंदना की सफलता में अहम योगदान रहा है। उनकी इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद मेहनत और लगन से बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ की सिरमौर इकाई के अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर, राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र नेगी, जिला महासचिव डॉ. आईडी राही, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, कोषाध्यक्ष विजय वर्मा, संजय शर्मा, रमेश नेगी, और सतीश शर्मा ने शिक्षा बोर्ड धर्मशाला से अनुरोध किया है कि वे पुनर्मूल्यांकन के बाद की अंतिम संशोधित मेरिट सूची जारी करें। उन्होंने वंदना, उनके शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई दी है।
संघ ने बोर्ड से आग्रह किया है कि वंदना जैसी प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की सफलता को प्रमुखता से समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाए, ताकि अन्य छात्र-छात्राओं को प्रेरणा मिल सके।
विद्यालय के प्रधानाचार्य कमलजीत सिंह और प्रवक्ता हरीश शर्मा ने भी बोर्ड से मेरिट सूची को संशोधित करने की अपील की है।
उधर, हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की भी तारीफ करनी होगी, जिससे वंदना को उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन में न्याय मिला है।
इसमें कोई दो राय नहीं है जिस दिन नतीजा घोषित होता है उस दिन समूचा मीडिया मेरिट में स्थान बनाने वालों पर ध्यान केंद्रित करता है लेकिन बाद में पुनर्मूल्यांकन में अंकों की बढ़ोतरी हासिल करने वाले बच्चे वंचित रह जाते है।